हाई कोर्ट ने एक मामले में कहा कि फोन से किसी के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करना अनुसूचित जाति एवं जन जाति उत्पीड़न निवारण अधिनियम के तहत अपराध नहीं माना जा सकता । ... चंडीगढ़ । पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि फोन से किसी के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करना अनुसूचित जाति एवं जन जाति उत्पीड़न निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के तहत अपराध नहीं माना जा सकता। जस्टिस एचएस गिल की पीठ ने यह फैसला कुरुक्षेत्र के गांव घराडसी निवासी प्रदीप और संदीप की अपील को निस्तारित करते हुए दिया है। प्रदीप और संदीप पर आरोप था कि उन्होंने सेलफोन से सरपंच के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और उसकी बहन के प्रति अश्लील टिप्पणियां की। पीठ ने कहा कि इस तरह की घटना अपराध की श्रेणी में तभी आती, यदि वह सार्वजनिक स्थान पर की जाती या किसी तीसरे व्यक्ति ने बातचीत को सुना होता। इस प्रकरण में घराडसी के सरपंच राजेंद्र कुमार की शिकायत पर पुलिस ने अक्टूबर 2017 में आइपीसी और SC/ST Act के तहत प्रदीप व संदीप के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी। सरपंच ने...