Haryana Chunav 2024: हरियाणा चुनाव में BJP ने गोपाल कांडा के आगे सरेंडर क्यों किया, क्या सिरसा में फंस गई BJP?
चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए शुरुआत दौर में गोपाल कांडा (Gopal Kanda) के साथ गठबंधन करने का भाजपा दावा करती रही. लेकिन इस दौरान भाजपा ने सिरसा से अपना प्रत्याशी उतार दिया. बाद में गोपाल कांडा ने इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन किया. लेकिन अब नामांकन के अंतिम दिन भाजपा ने सिरसा सीट से अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में भाजपा ने सिरसा सीट पर गोपाल कांडा के सामने सरेंडर कर दिया. हालांकि, अब तक गोपाल कांडा ने भाजपा के साथ जानें की बात नहीं कही है.
जानकारी के अनुसार, सिरसा सीट पर भाजपा ने रोहताश जांगड़ा को प्रत्याशी बनाया था. जबकि गोपाल कांडा यहां से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. अहम बात है कि भाजपा ने कांडा की पार्टी हिलोपा से गठबंधन की बात कही थी. लेकिन फिर भी प्रत्याशी उतार दिया. ऐसे में भाजपा के सिरसा से प्रत्याशी उतारने पर गोपाल कांडा ने रानिया से प्रत्याशी उतारकर बड़ा दाव खेला. इसी वजह से भाजपा को लगता है कि दोनों ही सीटों पर उसे गोपाल कांडा के खिलाफ जाकर नुकसान उठाना पड़ सकता है.
गोपाल कांडा क्यों हैं भारी
गोपाल कांडा बीते तीन चुनाव से हरियाणा में जीत हासिल करते आ रहे हैं. हुड्डा सरकार में मंत्री रहे थे. 2014 और 2019 में अपनी पार्टी के नाम से चुनाव जीते थे. बीते चुनाव में गोपाल कांडा को सिरसा सीट पर सबसे ज्यादा 44 हजार से अधिक वोट मिले थे और वह आजाद प्रत्याशी गोकुल सेतिया से महज 600 वोटों से जीते थे. लेकिन इस बार गोकुल सेतिया कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कहीं ना कहीं भाजपा को लगता था कि कांडा के खिलाफ प्रत्याशी उतारने पर वोट बंटेंगे और फिर उसका फायदा सेतिया उठा ले जाएंगे. ऐसे में अंत समय में भाजपा ने अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस ले लिया. सबसे अहम बात कि कांडा की तरफ से अब तक भाजपा के समर्थन और नामांकन वापस लेने को लेकर पॉजीटिव प्रतिक्रिया नहीं आई है. ना ही भाजपा ने कांडा को दोबारा समर्थन देने का ऐलान किया है. ऐसे में भाजपा सिरसा के भंवर में फंस गई है.
गोकुल सेतिया मजबूत कैंडिडेट
गोकुल सेतिया हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. उनकी माता सुनीता सेतिया ने 2014 में भाजपा की टिकट पर सिरसा विधानसभा से चुनाव लड़ा था. लेकिन जीत नहीं मिली थी.बाद में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी. गोकुल के नाना लक्ष्मण दास अरोड़ा 1साल 967, 1982, 1991,2000 और 2005 में यहां से विधायक रहे थे. वो प्रदेश सरकार में चार बार मंत्री भी रहे. ऐसे में गोकुल सेतिया यहां से मजबूत दावेदार हैं.
कांडा ने गठबंधन पर क्या कहा
हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो गोपाल कांडा ने इस मसले पर प्रेस वार्ता की और कहा कि – इनेलो, बीएसपी और हलोपा का मजबूत और अटूट गठबंधन है. इस गठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता से विरोधी घबराए हुए हैं और राजनीतिक बौखलाहट में अफवाहें फैला रहे हैं. कांडा ने कहा कि सभी पार्टियों को जनता देख चुकी है और अब हमारा गठबंधन सत्ता की ओर बढ़ रहा है. किसान हितैषी सोच को मेरा समर्थन है. भाजपा प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा के नामांकन वापसी और समर्थन की बात को लेकर गोपाल कांडा ने कहा कि उनके समर्थन या नामांकन वापसी को लेकर मेरी कोई बात नहीं हुई है. इनेलो किसान हितैषी पार्टी है. कांडा ने कहा कि कांग्रेस की सोच दलित विरोधी है और आरक्षण के विरोध में राहुल गांधी ने विदेश में जाकर बयान दिया है.
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