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Haryana Congress :Haryana Congress :हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण पर घमासान:जीता हुड्‌डा का MP दीपेंद्र पर आरोप

 

हरियाणा के करनाल में भाजपा के बाद कांग्रेस नेताओं ने भी बगावत शुरू कर दी है। नीलोखेड़ी (रिजर्व) सीट से टिकट न मिलने पर पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वह धर्मपाल गोंदर को कांग्रेस उम्मीदवार बनाने से नाराज हैं।

राजकुमार वाल्मीकि ने कहा, 'इस बार पूरी उम्मीद थी कि उन्हें टिकट मिलेगी, लेकिन पार्टी ने धर्मपाल गोंदर को प्राथमिकता दी। इसलिए वे अब आजाद मैदान में उतरने का फैसला कर चुके हैं।'

करनाल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि।
करनाल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि।

1991 में बने थे विधायक

राजकुमार वाल्मीकि 1986 से लेकर 1991 तक यूथ कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रह चुके हैं। 1991 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर करनाल जिले की जुंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने। उस दौरान उन्हें रेवेन्यू और वन मंत्री बनाया गया। इसके बाद 1998 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए।

2019 विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दी तो वह इनेलो में शामिल हो गए। 2023 में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जब करनाल पहुंची तो वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद से वह नीलोखेड़ी से टिकट मांग रहे थे।

लोकसभा चुनाव से पहले निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, सोमबीर सांगवान और रणधीर गोलन ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। इस तस्वीर में धर्मपाल गोंदर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के साथ खड़े हुए हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, सोमबीर सांगवान और रणधीर गोलन ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। इस तस्वीर में धर्मपाल गोंदर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के साथ खड़े हुए हैं।

नीलोखेड़ी में सबसे ज्यादा आवेदन आए

नीलोखेड़ी विधानसभा से इस बार कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने के लिए 88 नेताओं ने आवेदन किए थे। टिकट दावेदारों में सबसे ऊपर नाम राजेश वैद्य और पूर्व मंत्री राजकुमार वाल्मीकि का था। 2019 में धर्मपाल गोंदर निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया।

2024 लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने 2 अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर भाजपा से समर्थन वापस ले लिया और कांग्रेस के साथ आ गए। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की थी।

Haryana Congress :हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण पर घमासान:जीता हुड्‌डा का MP दीपेंद्र पर आरोप

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की आई 31 केंडिडेट्स की लिस्ट पर घमासान मचा हुआ है। दो बड़े नेताओं के बाद अब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के करीबी जीता हुड्‌डा ने बगावत कर दी है। बरोदा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट पर दावा ठोंक रहे जीता हुड्‌डा ने उनकी राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया है।

उन्होंने कहा है कि टिकट को लेकर मेरी बात भूपेंद्र हुड्‌डा से नहीं हुई थी, मैं उनको बाप की तरह मानता हूं। मैं उनके सामने कम ही बात करता हूं, वह इसलिए क्योंकि, वह मेरे पिता के अच्छे मित्र थे।

मैं दीपेंद्र हुड्‌डा को अपना भाई मानता था, लेकिन इस चुनाव में भाई का गला काटने का काम दीपेंद्र हुड्‌डा ने किया है।

दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर 31 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में बरोदा सीट से कांग्रेस ने इंदूराज सिंह नरवाल को टिकट दी है। जबकि जीता हुड्‌डा यहां से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने नरवाल को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

कौन हैं जीता हुड्‌डा

जीता हुड्‌डा, श्रीकृष्ण हुड्‌डा के बेटे हैं। श्रीकृष्ण हुड्‌डा हरियाणा की किलोई और बरोदा विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 1987, 1996 व 2005 में वह किलोई से विधायक रहे। इसके बाद श्रीकृष्ण हुड्डा ने 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए किलोई सीट को छोड़ दिया।

फिर वह बरोदा विधानसभा सीट से 2009, 2014, 2019 में विधायक बनने की हैट्रिक लगाई। श्रीकृष्ण हुड्डा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के बहुत ही अच्छे मित्र और करीबी रहे हैं। यही वजह है कि जीता हुड्‌डा बरोदा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे।

हुड्‌डा के करीबी ने कांग्रेस छोड़ी:टिकट कटने से नाराज; बोले- पूर्व CM ने मेरे साथ गद्दारी की, सीट हारेगी पार्टी

डॉ. कपूर नरवाल, जिन्होंने कांग्रेस को इस्तीफा दे दिया। - Dainik Bhaskar
डॉ. कपूर नरवाल, जिन्होंने कांग्रेस को इस्तीफा दे दिया।

हरियाणा में कांग्रेस के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के साथ ही विकेट गिरनी शुरू हो गई हैं। बरोदा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट के दावेदार रहे कांग्रेस नेता डॉ. कपूर सिंह नरवाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने समर्थकों की बैठक बुला ली है। इसमें वे हालात पर चर्चा कर आगे का फैसला लेंगे।

कांग्रेस ने बरोदा हलके से वर्तमान विधायक इंदुराज नरवाल को टिकट दिया है। इसके साथ ही हलके में बगावत शुरू हो गई है।

कपूर के घर पहुंचे समर्थक कपूर सिंह नरवाल की टिकट काटने की सूचना के बाद सुबह ही समर्थक उनके आवास पर पहुंचने लगे थे। उनसे बातचीत के बाद कपूर नरवाल ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। साथ ही रविवार को 10 बजे अपने निवास स्थान पर कार्यकर्ताओं की मीटिंग बुलाई है।

डॉ. कपूर नरवाल ने पिछले दिनों समर्थकों की भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन किया था।- फाइल फोटो।
डॉ. कपूर नरवाल ने पिछले दिनों समर्थकों की भीड़ जुटा कर शक्ति प्रदर्शन किया था।- फाइल फोटो।

नरवाल बोले- हुड्डा ने गद्दारी की है टिकट न मिलने पर कपूर नरवाल ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके साथ गद्दारी की है। बरोदा उपचुनाव में हुड्डा ने उनसे वादा किया था कि आम चुनाव में हर हाल में उनको टिकट दी जाएगी। चुनाव लड़ाया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि वह हुड्डा को उनकी वादा खिलाफी का जवाब जरूर देंगे।

नरवाल ने कहा कि उनकी राजनीतिक हत्या हुई है। बरोदा हलके की जनता हुड्डा से बदला लेगी। आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी बरोदा विधानसभा सीट हारेगी।

Haryana Congress:टिकट घोषित होते ही कांग्रेस में बगावत शुरू:हिसार में बजरंग दास और राम निवास के बदले तेवर, पोस्टर से गायब हुआ सिंबल

कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग और राम निवास राड़ा। - Dainik Bhaskar
कांग्रेस नेता बजरंग दास गर्ग और राम निवास राड़ा।

हरियाणा में कांग्रेस की पहली सूची जारी होते ही बगावत शुरू हो गई है। हिसार की बरवाला सीट से शुरू हुआ घमासान हिसार पहुंच गया है। हिसार में कांग्रेस से टिकट कटने की आशंका के बीच व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग और हिसार से पूर्व प्रत्याशी राम निवास राड़ा बगावत पर उतर आए हैं।

दोनों नेताओं ने अपने पोस्टर पर कांग्रेस नेताओं के फोटो और सिंबल गायब कर दिए हैं। यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बता दें कि हिसार से 22 लोगों ने कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया है। बताया जा रहा है कि बगावत करने वाले दोनों नेताओं को आभास हो गया है कि उनका कांग्रेस सूची में कहीं नाम ही नहीं है।

इसलिए दोनों नेताओं ने पहले से ही रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बजरंग दास गर्ग लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हैं और कांग्रेस की हुड्डा सरकार में कान्फेड के चेयरमैन रह चुके हैं।

कांग्रेस नेता की ओर से जारी किया गया पोस्टर...

सैलजा गुट के राड़ा भी बगावत पर उतरे

वहीं रामनिवास राड़ा ओबीसी समाज से आते हैं और सैलजा गुट के माने जाते हैं। पिछले चुनाव में राड़ा ने भाजपा के कमल गुप्ता को अच्छी टक्कर दी थी। वह पिछले 5 साल से चुनाव की तैयारियों में लगे थे। बताया जा रहा है कि राड़ा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। राड़ा ने हिसार से पिछला चुनाव लड़ते हुए 33843 वोट हासिल किए थे और 15832 वोटों से डॉ. कमल गुप्ता से हार गए थे।

दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की गाड़ी का घेराव करते बरवाला वासी।
दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी की गाड़ी का घेराव करते बरवाला वासी।

हरियाणा कांग्रेस में 3 बार MLA की टिकट पर बगावत:विधायक चाचा के विरोध में उतरा भतीजा; बोले- मेरे साथ धोखा, निर्दलीय लड़ने का ऐलान

पिता राजेश जून के निर्दलीय चुनाव लड़ने के बारे में बताते उनके बेटे सचिन जून। - Dainik Bhaskar
पिता राजेश जून के निर्दलीय चुनाव लड़ने के बारे में बताते उनके बेटे सचिन जून।

हरियाणा में BJP के बाद कांग्रेस में भी टिकट बंटते विरोध और बगावत शुरू हो गई है। बहादुरगढ़ विधानसभा में 3 बार के MLA चाचा राजेंद्र जून की टिकट को लेकर कांग्रेस के पार्टी डेलिगेट भतीजे ने मोर्चा खोल दिया है। डेलिगेट राजेश जून ने टिकट बंटवारे के विरोध में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस विधायक के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया है।

राजेश जून ने समर्थकों की मीटिंग में ऐलान करते हुए कहा कि मेरे साथ कांग्रेस नेतृत्व ने धोखा किया है। कांग्रेस उम्मीदवार से डबल वोट लेकर विधायक बनूंगा। राजेश जून ने कहा, कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे से वादा किया था टिकट देने का, वादा नहीं निभाया।

विधायक के खिलाफ बगावत करने वाले राजेश जून।
विधायक के खिलाफ बगावत करने वाले राजेश जून।

11 को नामांकन करेंगे दाखिल राजेश जून ने बकायदा 11 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का एलान किया है। दिल्ली रोहतक रोड पर अपने कार्यालय के बाहर नामांकन दाखिल करने की तारीख का फ्लैक्स भी लगाया है। बहादुरगढ़ से कांग्रेस के टिकट के संभावित उम्मीदवारों में राजेश का नाम शामिल है, लेकिन राजेंद्र जून को कांग्रेस से टिकट मिलना तय माना जा रहा है। राजेंद्र जून और राजेश आपस में चाचा-भतीजा हैं।

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