सुपरटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में DLF पर रेड:गुरुग्राम में कंपनी के ऑफिसों से डॉक्यूमेंट कब्जे में लिए, सुपरटेक का प्रमोटर हो चुका गिरफ्तार
सुपरटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने शनिवार को गुरुग्राम में DLF के दफ्तरों पर छापेमारी की। यहां ईडी ने डीएलएफ के दफ्तरों से कई दस्तावेज जुटाए हैं। इस मामले में ईडी ने जून महीने में सुपरटेक के प्रमोटर आर के यानी राम किशोर अरोड़ा को गिरफ्तार किया था।
तब यह आरोप लगाया गया था कि अरोड़ा समूह का मुख्य कंट्रोलर था, जिसने निवेशकों और घर खरीदारों के करोड़ों फंड को विभिन्न मुखौटा कंपनियों में 'डायवर्ट' करने का फैसला किया था।
ईडी ने कहा था कि सुपरटेक समूह के माध्यम से करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई। कंपनी ग्राहकों को समय पर फ्लैटों का कब्जा प्रदान करने के लिए अपने सहमत दायित्वों का पालन करने में विफल रही।
दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस विभागों द्वारा सुपरटेक लिमिटेड और इसकी समूह कंपनियों के खिलाफ 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपों पर FIR दर्ज की जा चुकी हैं।
सुपरटेक लिमिटेड की स्थापना कब हुई?
सुपरटेक लिमिटेड की स्थापना 1988 में हुई थी। उसने अब तक लगभग 80 हजार अपार्टमेंट वितरित किए हैं। जिसमें अधिकांश दिल्ली-एनसीआर में हैं। कंपनी वर्तमान में एनसीआर में लगभग 25 परियोजनाएं विकसित कर रही है। इसे अभी 20 हजार से ज्यादा ग्राहकों को पजेशन देना बाकी है। कंपनी पिछले साल से संकट में है।
अगस्त में लगा झटका
अगस्त 2022 में सुपरटेक को बड़ा झटका तब लगा था जब नोएडा एक्सप्रेस-वे पर स्थित उसके लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स, एपेक्स और सेयेन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ध्वस्त कर दिया गया। एमराल्ड कोर्ट परिसर के भीतर उनके निर्माण को मानदंडों का उल्लंघन पाया गया था। दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था।
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