हरियाणा के जनप्रतिनिधियों का मानदेय दोगुना बढ़ा:मेयर को अब हर महीने मिलेंगे 30 हजार; आपदा पीड़ितों की पेंशन भी 15 हजार हुई
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकार के 9 साल पूरे होने पर नगर निगम, नगर परिषद व समितियों के मेयर और अध्यक्ष सहित सदस्यों को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम ने इनके मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बढ़ा हुआ मानदेय 1 अक्टूबर से दिया जाएगा।
इसके अलावा सीएम ने हिंदी आंदोलन सत्याग्रहियों व आपातकालीन पीड़ितों की पेंशन 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 15 हजार रुपए करने की घोषणा की। प्रदेश सरकार के आज 9 वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।
मेयर को अब मिलेगा 30 हजार मानदेय
मनोहर लाल ने कहा कि नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर, काउंसलर्स, नगर परिषद के अध्यक्षों सहित सदस्यों के साथ विभिन्न विषयों को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें मानदेय बढ़ाने पर विचार किया गया। उन्होंने बताया कि पहले मेयर को 20,500 रुपए मासिक मानदेय मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर 30,000 रुपए किया गया है।
इसी प्रकार, सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 16,500 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए, डिप्टी मेयर का मानदेय 13,000 रुपए से बढ़ाकर 20,000 रुपए तथा पाषर्दों का मानदेय 10,500 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए किया गया है।
नगर परिषद में भी दोगुना हुआ मानदेय
सीएम ने बताया कि नगर परिषद अध्यक्ष का मानदेय 10,500 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए, उपाध्यक्ष का मानदेय 7,500 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए, पार्षदों का मानदेय 7,500 रुपए से बढ़ाकर 12,000 रुपए किया है। नगर समितियों के अध्यक्ष का मानदेय 6,500 से बढ़ाकर 10,000, उपाध्यक्ष का मानदेय 4,500 से बढ़ाकर 8,000 तथा पार्षदों का मानदेय भी 4,500 से बढ़ाकर 8,000 रुपए किया गया है।
जिला परिषद अध्यक्षों का मानदेय 20 हजार हुआ
मुख्यमंत्री ने जिला परिषद के अध्यक्षों का मानदेय 10,000 से बढ़ाकर 20,000, उपाध्यक्ष का 7,500 से बढ़ाकर 15,000 और सदस्यों का 3,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपए किया गया है। इसके अलावा, पंचायत समिति के अध्यक्षों का मानदेय 7,500 से बढ़ाकर 15,000, उपाध्यक्ष का 3,500 से बढ़ाकर 7,000 तथा सदस्यों का मानदेय 1,600 से बढ़ाकर 3,000 रुपए किया गया है।
हिंदी आंदोलन के सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ी
मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों व आपातकालीन पीड़ितों व विधवाओं को 10 हजार रुपए की मासिक पेंशन की सुविधा दी जा रही है। आज इस पेंशन राशि को बढ़ाकर भी 15 हजार रुपए किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज परिवार पहचान पत्र के डाटा के आधार पर 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले 42,431 लोगों की वृद्धावस्था सम्मान पेंशन बनाई गई है।
उन्होंने कहा कि PPP के बनने से अब लोगों की सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं।
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