अब आधे दक्षिण हरियाणा के कई जिलों को भरपूर नहरी पानी उपलब्ध हो सकेगा। सिंचाई विभाग ने करीब 304 करोड़ रुपये से दिल्ली पैरलल नहर को चौड़ा और गहरा करने का प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है। इसके बाद नहर की क्षमता करीब दोगुनी हो जाएगी। यमुना में ओवरफ्लो और बरसाती पानी को इसमें शामिल किया जा सकेगा। इससे पानीपत, सोनीपत, रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और इनसे लगते क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा।
इस प्रोजेक्ट के लिए सिंचाई विभाग ने 304 करोड़ का टेंडर भी लगाया था, जिसका वर्क आर्डर जारी कर काम झांसी की भानाराम इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी को आवंटित कर दिया गया है। एजेंसी को करीब 21 माह में काम पूरा कर 2024 में विभाग के सुपुर्द करना होगा। एजेंसी ने काम शुरू कर दिया और प्रोजेक्ट की रिपोर्ट लेने के लिए विभाग के वरिष्ठ अफसर भी रोज मौका मुआयना कर रहे हैं।
प्रोजेक्ट करनाल के मुनक बांध से सोनीपत के खूबडू झाल तक का है। इसकी लंबाई करीब 45 किलोमीटर की रहेगी। इसके तहत दिल्ली पैरलल नहर को 15 फीट चौड़ा और डेढ़ से दो फीट तक गहरा किया जाएगा, जिससे इसकी क्षमता दोगुनी होगी। इसके निर्माण में करीब दौ सो करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि करीब सौ करोड़ रुपये विभाग की ओर से दूसरे विभागों को दिए जाएंगे।
इस वक्त नहर की क्षमता 5525 क्यूसेक पानी की है, जबकि आमतौर पर इसमें 4000 क्यूसेक पानी ही चलता है। इस प्रोजेक्ट के बाद 7288 क्यूसेक पानी इसमें आ सकेगा। क्षमता करीब दोगुनी हो जाने से इसके पैरलल दिल्ली ब्रांच का नाम दिया गया है।
सिंचाई विभाग के एक्सईएन सुरेश सैनी ने बताया कि कई बार यमुना में ज्यादा पानी आने पर ओवरफ्लो की स्थिति बनती है। ओवरफ्लो पानी को दिल्ली पैरलल नहर से जोड़ा जाएगा। इसकी क्षमता ज्यादा होने की वजह से नहर पूरा पानी ले सकेगी और इसका उपयोग सिंचाई में हो सकेगा।
इस प्रोजेक्ट से नहरी क्षेत्र से लगे खेतों के किसानों को फायदा होगा। हालांकि कई जिलों में ब्रांचों के जरिये सिंचाई विभाग टेल तक पानी पहुंचाने में कामयाबी हासिल कर चुका है, लेकिन कई जिलों में अब भी पानी की समस्या बरकरार है। बरसाती पानी को व्यर्थ होने से भी बचाया जा सकेगा।
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