हरियाणा के स्थानीय निकाय विभाग में फैले भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने प्रदेश के अधिकांश जिलों में नगर परिषद और नगर पालिका की कमान जिला नगर योजनाकार अधिकारी (DTP) को सौंप दी है। इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने म्युनिसिपल एक्ट 1973 में अहम संशोधन करते हुए सभी नगर परिषदों में CEO की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया था। कुछ साल पहले प्रदेश के हर जिले में जिला नगर आयुक्त (DMC) नियुक्त किए थे। बताया जा रहा है कि CEO की कमान DMC को ही दी जा सकती है।
अवैध कॉलोनियों पर नजर
प्रदेश सरकार पहले से विकसित हो चुकी हजारों अवैध कॉलोनियों के प्रति नरम रूख दिखाते हुए उन्हें वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है, लेकिन आगे अवैध कॉलोनियां किसी भी तरह न बन पाएं, इसलिए बड़े स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। DTP को नगर परिषद और नगर पालिका की कमान देना भी इसी का हिस्सा हो सकता है।
NDC और टेंडर में घालमेल ज्यादा
NDC और टेंडर में घालमेल ज्यादा
फिलहाल प्रदेश में सबसे ज्यादा ठेकेदारों से कमीशन और छोड़े गए टेंडर में घालमेल की शिकायतें पहुंच रही हैं। नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) में होने वाले खेल की शिकायतों की तो भरभार है। रेवाड़ी नगर परिषद में 5 माह पहले NDC के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत लेने का मामला सामने आने के बाद विजिलेंस ने कई अधिकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।
एक दिन पहले EO अभे सिंह यादव को सस्पेंड भी कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ भिवानी नगर परिषद में तत्कालीन चेयरमैन और EO को भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस गिरफ्तार भी कर चुकी है। सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नया प्रयोग करते हुए DMC भी नियुक्त किए, लेकिन भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ।
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