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हरियाणा में पंचायतों में आरक्षण पर बड़ा फैसला , आठ फीसद सरपंच पद पिछड़ा वर्ग को




हरियाणा कैबिनेट ने राज्‍य में पंचायत चुनाव को लेकर अहम फैसला किया है। राज्‍य में अगले महीने प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए को आरक्षण मिलेगा। सरकार ने पंच-सरपंचों और जिला परिषदों व पंचायत समितियों में सदस्य पद के लिए पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए गठित राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।


पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पर मनोहर लाल मंत्रिमंडल ने लगाई मुहर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आयोग की सिफारिशों पर मुहर लगा दी गई। अब वीरवार को फिर से मनोहर मंत्रिमंडल की बैठक होगी जिसमें पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण संबंधी अध्यादेश पारित किया जाएगा।

आयोग ने मंगलवार को हरियाणा सरकार को सौंपी थी रिपोर्ट 

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) दर्शन सिंह के नेतृत्व में गठित आयोग ने एक दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। पिछड़े वर्गों के लोगों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आकलन करने के लिए गहन जांच के बाद आयोग ने रिपोर्ट में कहा है कि पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) के लोगों को पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।

पंचायतों, ब्लाक समितियों और जिला परिषदों में पिछड़ा वर्ग-ए को जनसंख्या के अनुपात में मिलेगा आरक्षण

रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच के पदों को पिछड़ा वर्ग(ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किया जाएगा जो ग्रामसभा क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (क) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी। यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा। यदि पिछड़े वर्ग (ए) की आबादी सभाक्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में पिछड़े वर्ग (ए) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा।

इसी प्रकार एक ब्लाक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षित किया जाएगा। मान लीजिए गांव में पिछड़े वर्ग-ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है तो 12.5 प्रतिशत सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होंगी। किसी गांव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद भी कोई आरक्षण नहीं मिलेगा

पंचायत समिति और जिला परिषद में पद ब्‍लाक या परिषद की कुल आबादी के अनुसार तय होंगे 

मंत्रिमंडल की बैठक में किए फैसले के अनुसार प्रत्येक पंचायत समिति और जिला परिषद में सदस्य के पद पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए कुल सीटों के उसी अनुपात में आरक्षित किए जाएंगे जो ब्लाक या परिषद की कुल आबादी में पिछड़ा वर्ग (ए) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में होगी।

शीर्ष न्यायालय के निर्देशानुसार किसी भी पंचायती राज संस्थान में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं होगा। पिछड़े वर्ग(ए) के लिए आरक्षित सीटों की संख्या को अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटों में जोड़ने पर यदि कुल संख्या पंचायती राज संस्थानों की कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो पिछड़े वर्ग (ए) के लिए आरक्षित सीटों की संख्या को वहीं तक रखा जाएगा जिससे कि अनुसूचित जाति और बीसी (ए) का आरक्षण कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक न हो।

आरक्षण की खास बातें

  • -गांव और संबंधित क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग-ए की जितने प्रतिशत जनसंख्या होगी, उसकी आधी सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होंगी।
  • -पंचायती राज संस्थानों में अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित सीटें 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होंगी।
  • -यदि ग्राम सभा में पिछड़े वर्ग (ए) की जनसंख्या दो प्रतिशत या अधिक है तो ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक पंच पिछड़े वर्ग (ए) का होगा।
  • -जिस ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति के 50 प्रतिशत लोग होंगे, वहां पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिलेगा।


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