हरियाणा/रेवाड़ी: मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय (आइजीयू) की अकादमिक शाखा 14वीं अकादमिक परिषद की बैठक का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. एसके गक्खड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में शैक्षणिक मामलों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों तथा संबद्ध महाविद्यालयों में सत्र 2022-23 से ही लागू किया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग से स्नातकोत्तर करने वाले अभ्यर्थियों को एमए अर्थशास्त्र की बजाय अब एमएससी अर्थशास्त्र की डिग्री मिलेगी। इसके लिए पाठयक्रम को स्वीकृति प्रदान की गई। विद्यार्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वर्तमान की फीस वापस लेने से संबंधित नियमों को संशोधित करते हुए नये नियम बनाए गए, जिससे विद्यार्थियों को फीस वापस करवाने के बारे में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
विश्वविद्यालय के शिक्षण विभागों में पीएचडी में दाखिले के लिए बनाए गए अध्यादेश में सत्र 2021-22 के लिए समीक्षा की गई। नए अध्यादेश और पाठ्यक्रम को स्वीकृति प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय से संबंधित विभिन्न महाविद्यालयों को नए पाठयक्रमों के साथ विभिन्न संकायों की सीटों की वृद्धि करने पर सहमति दी गई। विश्वविद्यालय के विभिन्न शिक्षण विभागों के परीक्षाओं की योजना और पाठयक्रम को अनुमति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नये शिक्षा महाविद्यालयों को खोलने के लिए उन्हें अस्थायी मान्यता प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर कुलपति प्रो. एसके गक्खड़ ने कहा कि बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय से विद्यार्थियों को काफी लाभ होगा और शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। कुलसचिव प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि नये महाविद्यालय खोलना, नये पाठ्यक्रमों व सीटों में वृद्धि करने से दाखिले से वंचित रहने वाले विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
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