तुलसी के पत्ते डालकर बनाया गया पानी काफी पवित्र होता है. कहते हैं कि अगर तुलसी के पानी का इस्तेमाल किया जाए, तो माता लक्ष्मी (Lakshmi Mata) काफी खुश होती हैं और घर में खुशहाली बनी रहती है. तुलसी पानी का छिड़काव सुबह-शाम पूजा के बाद दफ्तर या ऑफिस (Office) में करें. इससे कारोबार में तरक्की के रास्ते खुलते हैं और नौकरी मिलना भी आसान हो जाता है.
कहते हैं कि अगर तुलसी के पानी का इस्तेमाल किया जाए, तो माता लक्ष्मी काफी खुश होती हैं और घर में खुशहाली बनी रहती है. आइए जानते हैं तुलसी के पानी से जुड़े कुछ विशेष उपायों को बारे में जिन्हें अपनाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. साथ ही, नौकरी और बिजनेस में भी तरक्की मिलती है.
श्रीकृष्ण को तुलसी के पानी से कराएं स्नान
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बहुत प्रिय है. इसलिए कहा जाता है कि कान्हा जी को तुलसी के पानी से स्नान करवाने से वह बहुत खुश होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते है. अगर आप भी भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाना चाहते हैं, तो उन्हें तुलसी के पानी से स्नान जरूर करवाएं. अगहन मास में श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए इस माह में तुलसी के पानी से स्नान करवाना विशेष फलदायी माना जाता है.
घर में तुलसी का जल जरूर छिड़कें
तुलसी के पत्तों को पानी में डालकर रातभर के लिए छोड़ दें. इसके बाद सुबह-शाम पूजा के बाद घर में उस तुलसी के जल का छिड़काव करें. घर का कोई भी कोना तुलसी जल से छूटना नहीं चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां घर से भाग जाती हैं और पॉजिटिव एनर्जी का प्रवेश होता है.
लंबी बीमारी से मिलेगी मुक्ति
मान्यता है कि अगर कोई परिवार का सदस्य लंबे समय से बीमार चल रहा है, तो उस पर तुलसी के पानी का छिड़काव जरूर करें. पूजा करने के बाद सुबह और शाम एक हफ्ते तक ऐसा लगातार करें. ऐसा करने से शरीर की बीमारी निस्तेज होने लगती है और व्यक्ति धीरे-धीरे ठीक होने लगता है.
नौकरी-बिजनेस में मिलेगी तरक्की
कहते हैं कि अगर लगातार मेहनत के बाद भी नौकरी या बिजनेस में तरक्की नहीं मिल रही है तो तुलसी के पत्तों को तीन दिन तक पानी में भिगोकर रखें. इसके बाद इस पानी का छिड़काव सुबह-शाम पूजा के बाद दफ्तर या ऑफिस में करें. इससे कारोबार में तरक्की के रास्ते खुलते हैं और नौकरी मिलना भी आसान हो जाता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. . इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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