हरियाणा सरकार ने मनेठी एम्स सहित फरीदाबाद, नूंह व सिरसा में सात परियोजनाओं के लिए खरीदी 311 एकड़ जमीन
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सात अलग-अलग विकास परियोजनाओं के लिए शुक्रवार को 311 एकड़ जमीन की खरीद की है। इस जमीन की कीमत 172 करोड़ रुपये है। प्रदेश सरकार ने यह जमीन ई-भूमि पोर्टल के जरिये खरीदी है। प्रदेश सरकार के ई-भूमि पोर्टल पर किसान अपनी मर्जी से अपनी जमीन बेचने की पेशकश करते हैं और साथ ही उसके रेट भी बताते हैं। राज्य सरकार को यदि रेट और जमीन की साइट उपयुक्त लगती है तो उसे खरीद लिया जाता है।
प्रदेश की विकास परियोजनाओं में जमीन की किल्लत खत्म करने को हालांकि सरकार ने 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून में विधानसभा में बदलाव किया है, लेकिन राज्यपाल के जरिये यह मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद प्रदेश में संशोधित कानून लागू होगा। कांग्रेस और इनेलो इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने तक विकास परियोजनाओं के लिए जमीन की खरीद जरूरी है। तब तक सरकार ई-भूमि पोर्टल के जरिये यह खरीद प्रक्रिया चालू रखे हुए है।
हाई पावर लैंड परचेज कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद सात विकास परियोजनाओं के लिए जमीन की साइट और रेट तय किए। 311 एकड़ जमीन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ से एक करोड़ 15 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी गई है। एनसीआर की जमीन काफी महंगी है। रेवाड़ी के मनेठी में खुलने वाले एम्स के लिए राज्य सरकार ने 140 एकड़ जमीन की खरीद कर ली है। प्रदेश सरकार का यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जो काफी समय से लंबित था। जमीन की उपलब्धता के बाद मनेठी एम्स के निर्माण में तेजी आएगी।
हरियाणा सरकार ने सिरसा में अनाज मंडी के विस्तार के लिए भी जमीन खरीदी। एक वाटर वर्क्स के लिए 45 एकड़ जमीन खरीदी गई है, जबकि नूंह के नल्हड मेडिकल कालेज के रास्ते के लिए जमीन खरीद की गई। सिरसा के चौटाला गांव में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन की खरीद कर ली गई है। गन्नौर में रेलवे ओवरब्रिज की सर्विस लेन के लिए भी आधा एकड़ जमीन खरीदी गई। फरीदाबाद के मंझावली पुल के लिए विचार गांव की जमीन खरीद की गई।
जनोपयोगी परियोजनाओं के लिए कानून में किए बदलाव
मनोहर लाल हरियाणा सरकार द्वारा विधानसभा के मानसून सत्र में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में अब तक ई पोर्टल के जरिये ही जमीन खरीदी गई है। भाजपा सरकार में आज तक किसी भी किसान की इच्छा के खिलाफ कोई जमीन नहीं खरीदी गई। जिस कानून में संशोधन का विरोध किया जा रहा है, वह सिर्फ राजनीति से प्रेरित है और विरोध भी वह लोग कर रहे हैं, जिनकी हमेशा किसानों की जमीन पर निगाह रही। यह संशोधन जनोपयोगी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए किया गया है। कई बार जन उपयोगी योजनाओं में जमीन अधिग्रहण को लेकर कुछ दिक्कतें आ जाती हैं। इसलिए भूमि अधिग्रहण कानून में नए प्रविधान किए गए हैं। नए संशोधन का मकसद सिर्फ जनहित में जमीन खरीदने का है।
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