( हरियाणा) रेवाड़ी
दिसंबर महीने से चल रहा पेयजल संकट कॉलोनियों से सेक्टरों तक पहुंच गया है। शहर में सेक्टर विकसित होने के बाद 25 साल के दौरान पहली बार वीरवार से सेक्टरों में भी पेयजल कटौती शुरू की जाएगी। सुबह-शाम दो बार की बजाय अब शहर के सेक्टर- 1, 3, 4 और 18 में केवल सुबह के समय पेेयजल सप्लाई की जाएगी। यदि पांच अप्रैल तक नहरी पानी नहीं आया तो जन स्वास्थ्य विभाग व हुडा दोनों के कालाका स्थित वाटर टैंक सूख जाएंगे और शहरवासियों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 मार्च से ही एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल की सप्लाई कॉलोनियों में की जा रही है।
9 वाटर टैंक पर निर्भर पेयजल व्यवस्था
शहर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से नहरी पानी पर निर्भर है। जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कालाका स्थित पांच व लिसाना स्थित दो वाटर टैंक के माध्यम से शहर के चार सेक्टर छोड़कर सभी कॉलोनियों में पेयजल सप्लाई किया जाता है। वहीं कालाका में बने हुडा के दो वाटर टैंक से सेक्टर-1, 3, 4 व 18 में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जन स्वास्थ्य विभाग के पास पहले से ही 20-22 दिन के पानी को भंडारण करने की क्षमता है। एक अतिरिक्त वाटर टैंक की जरूरत बीते पांच साल से महसूस की जा रही है, लेकिन निर्माण आज तक नहीं हुआ। वहीं सेक्टरों में भी लगातार आबादी बढ़ने के बावजूद क्षमता को नहीं बढ़ाया गया, ऐसे में पहली बार यहां पर भी पेयजल की राशनिंग शुरू हो गई है
दिसंबर महीने से चल रहा पेयजल संकट कॉलोनियों से सेक्टरों तक पहुंच गया है। शहर में सेक्टर विकसित होने के बाद 25 साल के दौरान पहली बार वीरवार से सेक्टरों में भी पेयजल कटौती शुरू की जाएगी। सुबह-शाम दो बार की बजाय अब शहर के सेक्टर- 1, 3, 4 और 18 में केवल सुबह के समय पेेयजल सप्लाई की जाएगी। यदि पांच अप्रैल तक नहरी पानी नहीं आया तो जन स्वास्थ्य विभाग व हुडा दोनों के कालाका स्थित वाटर टैंक सूख जाएंगे और शहरवासियों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 मार्च से ही एक दिन छोड़कर एक दिन पेयजल की सप्लाई कॉलोनियों में की जा रही है।
9 वाटर टैंक पर निर्भर पेयजल व्यवस्था
शहर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से नहरी पानी पर निर्भर है। जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से कालाका स्थित पांच व लिसाना स्थित दो वाटर टैंक के माध्यम से शहर के चार सेक्टर छोड़कर सभी कॉलोनियों में पेयजल सप्लाई किया जाता है। वहीं कालाका में बने हुडा के दो वाटर टैंक से सेक्टर-1, 3, 4 व 18 में पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जन स्वास्थ्य विभाग के पास पहले से ही 20-22 दिन के पानी को भंडारण करने की क्षमता है। एक अतिरिक्त वाटर टैंक की जरूरत बीते पांच साल से महसूस की जा रही है, लेकिन निर्माण आज तक नहीं हुआ। वहीं सेक्टरों में भी लगातार आबादी बढ़ने के बावजूद क्षमता को नहीं बढ़ाया गया, ऐसे में पहली बार यहां पर भी पेयजल की राशनिंग शुरू हो गई है
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