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Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरंसी का पक्का इलाज करने की तैयारी में सरकार, अब संसद में ला रही है इसे बैन करने का बिल!

 


Cryptocurrency Bill: 2018 में अरुण जेटली ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन (Ban on private cryptocurrency) लगाने की बात कही और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बिटकॉइन को बैन (Ban on Bitcoin) भी कर दिया। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फिर से वर्चुअल करंसी (Virtual Currency) में पैसे लगाने की इजाजत दे दी है। अब सरकार इसका पक्का इलाज करने के लिए संसद में क्रिप्टोकरंसी बिल (Cryptocurrency Bill) ला रही है।

Cryptocurrency Bill: संसद के मौजूदा सत्र में सरकार क्रिप्टोकरंसी के रेगुलेशन के लिए एक बिल (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लाने की पूरी तैयारी में है। इस बिल के जरिए भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी को बैन (Ban on private cryptocurrency) किया जाएगा और भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की तरफ से एक डिजिटल करंसी (Ban on Bitcoin) लॉन्च करने की रूपरेखा भी तैयार की जाएगी।

RBI ने लगाया था बैन, सुप्रीम कोर्ट ने दी इजाजत

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2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिटकॉइन और अन्य वर्चुअल करंसी के इस्तेमाल पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरंसी ट्रांजेक्शन को बैन कर दिया था। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से लोगों को वर्चुअल करंसी खरीदने और बेचने की इजाजत दे दी है। हाल के महीने में क्रिप्टोकरंसी में आ रही रेकॉर्ड तेजी को देखते हुए सरकार ये सुनिश्चित करना चाहती है कि भारतीय निवेशकों को जोखिम ना उठाना पड़े। इसके अलावा, ये भी डर है कि क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी हो सकता है, क्योंकि उसमें कोई केवाईसी नियम नहीं हैं।

किस के सुझाव पर लाया जा रहा है ये बिल?

यह बिल आर्थिक मामलों के सचिव एससी गर्ग की अध्यक्षता में बनी समिति के सुझावों के आधार पर लाया जा रहा है। इस कमेटी में सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक के मेंबर भी हैं। इस कमेटी के पैनल ने सुझाव दिया था कि प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी को संसद में कानून पास कर के बैन किया जाना चाहिए, लेकिन ब्लॉकचेन और डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी का वित्तीय सेवाओं में इस्तेमाल जारी रखना चाहिए, ताकि लोन की बेहतर ट्रैकिंग, इंश्योरेंस क्लेम मैनेजमेंट और फ्रॉड डिटेक्शन आसानी से किया जा सके।

बैन की बात ने चिंता में डाल दिया है डिजिटल इंडस्ट्री को

क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगाए जाने के इस प्रस्ताव ने पहले ही इंडस्ट्री को चिंता में डाल दिया है। बाईयूकॉइन (BuyUcoin) के सीईओ शिवम ठकराल ने कहा कि उन्होंने सरकार को गुहार लगाई है कि सरकार कोई भी फैसला करने से पहले एक बार सभी स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय भी ले ले। सरकार का एक भी फैसला भारत की डिजिटल इंडस्ट्री के बहुत सारे लोगों को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा है कि वह सबके साथ मिलकर इंडस्ट्री के हित की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि बाईयूकॉइन भारत का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज है। एक अन्य एक्सचेंज हैं जेबपे (Zebpay), जिसके साथ दुनिया भर से करीब 30 लाख ट्रेडर जुड़े हैं। जेबपे का कहना है कि क्रिप्टोकरंसी को भी एक असेट क्लास जैसे कि सोना, की तरह देखा जाना चाहिए और इस बिल की हर डिटेल को बारीकी से देखना चाहिए।

2020 में दिया 300 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

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अगर 2020 में इसके रिटर्न की बात करें तो बिटकॉइन ने 2020 में करीब 300 फीसदी यानी करीब 4 गुना रिटर्न दिया है। इसका मतलब हुआ कि अगर किसी ने 2020 की शुरुआत में बिटकॉइन में 1 लाख रुपये लगाए थे तो अब तक उसके पैसे 4 लाख रुपये में बदल चुके हैं। 31 दिसंबर 2019 को बिटकॉइन की कीमत 7212 डॉलर थी, जो 30 दिसंबर 2020 तक 28,599.99 डॉलर हो गई और नए साल में इसकी कीमत 32,606 डॉलर तक पहुंच गई।

क्या है बिटकॉइन?

बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है। 'क्रिप्टो' का मतलब होता है 'गुप्त'। यह एक डिजिटल करंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर काम करती है। इसकी सबसे खास बात ये है डिजिटल होने की वजह से आप इसे छू नहीं सकते। बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी। बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ रही है। गुरुवार सुबह के हिसाब से इसकी कीमत करीब 8.31 लाख को क्रॉस कर चुकी है। यह एक तरह की डिजिटल करंसी है। इसकी शुरुआत एलियस सतोशी नाम के शख्स ने की थी।

बिटकॉइन कैसे करता है काम?

बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय बताते हैं कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है। इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं। बता दें कि ये बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी किए जाते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं।

कैसे होती है बिटकॉइन की ट्रेडिंग?

Kraken के जरिए बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा सकती है। इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है। अकाउंट वेरिफाइ होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग के लिए चार्ट मौजूद होता है जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है। आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है इसलिए इसमें खतरा बना रहता है।

शेयर बाजार से बहुत अलग चीज है ये

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान होती है इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। यह किसी देश द्वारा निर्धारित नहीं होती है बल्कि डिजिटली कंट्रोल होती है। स्टॉक मार्केट की तरह बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

बिटकॉइन में पैसा लगाना इसलिए है खतरनाक

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले 5 सालों में कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 फीसदी गिर गया। 2013 में अप्रैल महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से अधिक गिरी थी। 233 डॉलर तक जा पहुंचा बिटकॉइन अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ गया। कई देशों में बिटकॉइन पर अभी भी ट्रेडिंग होती है, लेकिन इसमें निवेश करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। बिटकॉइन की सबसे खराब बात ये है कि इसका अधिकतर इस्तेमाल हैकिंग, ड्रग्स सप्लाई और हथियारों के अवैध खरीद-फरोख्त जैसे कामों में होता है, जो गैरकानूनी है।

भारी नुकसान की वजह भी बना है बिटकॉइन

वैसे तो भारत में बिटकॉइन बैन है, लेकिन गुपचुप तरीके से यहां भी बिटकॉइन की ट्रेडिंग होती है। भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग को अपराध माना गया है। बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग वे हैं, जो इस ऑनलाइन करंसी के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं। सरकार का कहना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है। रिजर्व बैंक ने भी बिटकॉइन पर सख्त हिदायत दी है।


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