Skip to main content

भाजपा की जीत मतदाताओं की सूझबूझ का फैसला



रेवाड़ी । नगर परिषद चेयरमैन के पहली बार हुए सीधे चुनाव में शहरी मतदाताओं की सूझबूझ साबित हो गई है । सीधे कड़े मुकाबले में भाजपा की श्रीमती पूनम यादव अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी और निर्दलीय उम्मीदवार उपमा यादव को 2087 वोटों से मात देकर उभरी हैं ।

         गौरतलब है कि उपमा यादव पूर्व जिला प्रमुख एवं भाजपा नेता सतीश यादव की पत्नी हैं , जिन्होंने विजयी प्रत्याशी पूनम यादव को बहुत नजदीक से कड़ी टक्कर दी है । विजयी चेयरमैन प्रत्याशी पूनम यादव पूर्व पार्षद बलजीत सिंह की पत्नी एवं पूर्व पार्षद भी हैं । श्रीमती पूनम यादव अपने सादगी पसंद व्यवहार और जन मिलनसारिता के लिए जानी जाती हैं और अब चेयरमैन बनकर उनके कंधों पर शहर के विकास की जिम्मेदारी भी आ गई है । अपनी जीत के बाद श्रीमती पूनम यादव ने अपनी जीत का श्रेय मतदाताओं को देते हुए भगवान को शुक्रिया कहा है । साथ ही कहा कि शहर के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी । पूनम यादव के पति एवं पूर्व पार्षद बलजीत सिंह का कहना है कि मतदाताओं ने बड़ी सूझबूझ से जिम्मेदारी उनकी चेयरमैन पत्नी और नए 31 पार्षदों के हाथों में सौंपी है , जिसे वे हरगिज निभाने  का विश्वास जताते हैं ।

          इसी बीच चुनावी राजनीति के अनेक जानकारों का कहना है कि यदि भाजपा नेता सतीश यादव अपनी पत्नी को मैदान में न उतारते, तो भाजपा प्रत्याशी पूनम यादव करीबन 25000 से भी अधिक वोटों से विजयी होती । मगर सतीश यादव ने पूर्व विधायक रणधीर सिंह को श्रीकृष्ण बताते हुए खुद को अर्जुन की भूमिका में प्रदर्शित किया और उपमा यादव को चेयरमैन पद पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारकर हाथ घड़ी का निशान दिखाने निकल पड़े । उन्होंने मतदाताओं को बखूबी लुभाकर जीतने का जोरदार प्रयास किया , जिससे वे चुनावी मुकाबले में विजयी प्रत्याशी के बहुत नजदीक तक आ पहुंचे थे । मगर अनेक मतदाताओं की इस सोच कि शहर के विकास के लिए प्रदेश के सत्ता पक्ष से टकराव वाला फैसला जनहित में उचित न होगा , इसलिए भाजपा समर्थित प्रत्याशी को ही चेयरमैन बनाना फायदेमंद है । पूनम यादव ने लोगों की इसी सोच का भरपूर फायदा उठाते हुए विजय हासिल की है । चेयरमैनी के इस फैसले को अनेक चुनावी विश्लेषक मतदाताओं की सूझबूझ भी बता रहे हैं ।

       

     

      इस बार के नगर परिषद चुनाव की खास बात यह भी रही कि अनेक पुराने दिग्गज पार्षद धनीराम प्रजापत , रामअवतार छाबड़ी , पवन बठला , मनीष चराया , विनय यादव  , गुड्डू भारद्वाज , गुरूदयाल नम्बरदार आदि या तो खुद अथवा उनके समर्थित एवं करीबी परिजन उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं , वहीं मतदाताओं ने अनेक नए लोगों को पार्षद बनने का मौका दिया है । शहर के एक बड़े चिकित्सक का कहना है कि इन चुनावों के परिणाम से यह भी बखूबी पता चलता है कि लोकतंत्र में कोई भी नेता या पार्टी बड़े नहीं हैं , बल्कि अब मतदाता अच्छे-बुरे की परख करके स्वतंत्र फैसला करने लगे हैं ।






*

Comments

Vyas Media Network

Vyas Media Network

Popular posts from this blog

हरियाणा में 15 हजार पदों पर सरकारी नौकरी निकली:ग्रुप-C के पद भरे जाएंगे, 5 बोनस नंबर के बिना भर्ती होंगे; क्लर्क की सबसे ज्यादा वैकेंसी

  हरियाणा में सरकारी भर्तियों में सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के आधार पर दिए जाने वाले 5 नंबर के बोनस के बिना ही भर्तियां शुरू कर दी गई है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने ग्रुप-C के15755 पद के लिए दोबारा विज्ञापन निकाला दिया है। आयोग ने इन पदों के लिए आवेदन के लिए 8 जुलाई लास्ट डेट तय की है। इन पदों में ग्रुप-C के लगभग 2 हजार नए पद शामिल किए गए हैं। पद ग्रुप संख्या 1, 2, 56 और 57 में आते हैं। जिन पदों के लिए अब आवेदन मांगे गए हैं, उनके लिए लिखित परीक्षा जुलाई में पूरी करने की तैयारी आयोग कर रहा है। आयोग ग्रुप-C के बचे पदों, नए पदों और ग्रुप-D के बचे पदों और नए आने वाले पदों पर सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के बगैर भर्ती शुरू की है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इन अंकों को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं बताई है, इसलिए आयोग को हाईकोर्ट के फैसले अनुसार भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। पहले भी जारी हुआ था विज्ञापन इन पदों के लिए 2018 और 2019 में भी विज्ञापन जारी हुआ था, जब प्रक्रिया चल रही थी तब सरकार ने सीईटी के जरिए ग्रुप-C-D पदो...

Haryana BJP:भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई,शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा

  हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, "हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी"। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा सत्यवान शेरा ने कहा, "प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर प...

हरियाणा में 11 जिलों के DC पर एक्शन की तैयारी:CM सैनी की ट्रांसफर लिस्ट में 2 कमिश्नर भी; पुलिस रेंज के ADGP-IG बदले जाएंगे

  हरियाणा लोकसभा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद सूबे की अफसरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में अफसरों की लिस्ट तैयार हो रही है। लिस्ट तैयार होने के बाद CM नायब सैनी के साथ चर्चा होगी। इसके बाद ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी जाएगी। CMO के सूत्रों का कहना है कि इस ट्रांसफर लिस्ट में 11 जिलों के DC और 2 कमिश्नरों के नाम हैं। इसके अलावा कुछ विभागों के अध्यक्षों के भी ट्रांसफर किए जाने के आसार हैं। इसके अलावा पुलिस रेंज में तैनात ADGP - IG भी बदले जाएंगे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में भी एक-दो नए अफसर तैनात कर सकते हैं। इसलिए बदलाव के मूड में CM हरियाणा में ब्यूरोक्रेसी को लेकर बदलाव की वजह लोकसभा चुनाव बताए जा रहे हैं। सरकार को इनपुट मिला है कि चुनाव में ब्यूरोक्रेसी के कुछ अफसरों ने सरकार के खिलाफ काम किया है। चर्चा है कि अफसरशाही भी लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अपने व्यवहार में बदलाव कर सकती है। ये अफसर दिल्ली जाने के इच्छुक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर फिलहाल केंद्र जाने वाले हैं। तब तक वह इसी पद पर बने रह सकते हैं। हरियाणा कैडर के 2000 बैच ...