जयपुर में पतंगबाजी पर सख्ती:31 जनवरी तक सुबह 2 और शाम को 3 घंटे पतंग उड़ाने पर रोक, चायनीज मांझे की खरीद पर भी बैन
राजधानी जयपुर में 14 जनवरी मकर संक्रांति का पर्व नजदीक आते ही पतंगबाजी शुरू हो जाती है। जिला प्रशासन ने इस बार पतंगबाजी पर सुबह-शाम मिलाकर 5 घंटे की रोक लगाई है। इतना ही नहीं पतंगबाजी में उपयोग होने वाले मांझे से हर साल होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने मिश्रित धातुओं और प्लास्टिक से बने चायनीज मांझे या डोर के उपयोग पर पाबंदी लगाई है।
जिला कलेक्टर और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त की ओर से आदेश जारी करते हुए धातु मिश्रित मांझे की खरीद, बेचान और भण्डारण पर रोक लगा दी है। साथ ही कलेक्टर ने 30 दिसंबर से 31 जनवरी 2021 तक पतंगबाजी पर सुबह और शाम में निर्धारित समयावधि में उड़ाने पर भी रोक लगाई है। ये रोक सुबह 6 से 8 बजे और शाम को 5 से 7 बजे तक रहेगी। यह पहली बार ऐसा हुआ है, जब पतंगबाजी पर एक महीने तक के लिए निर्धारित समय के लिए रोक लगाई है।
हर साल होती है दुर्घटनाएं
पतंगबाजी के दौरान मांझे से गला, नाक या शरीर का अन्य अंग कटने की हर साल दुर्घटनाएं होती हैं। इसके कारण कई लोगों की तो जान तक चली गई है। इसके अलावा हर साल संक्रांति व उसके आस-पास सैकड़ों की संख्या में पक्षी भी मर जाते हैं। मांझे से कटने और पेड़-पौधों में उलझी पतंग की डोर में फंसने से भी कई पक्षी उलझ जाते हैं और भूखे-प्यासे मर जाते हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने ये रोक लगाई हैं।
मैट्रो का संचालन भी होता हैं प्रभावित
पतंगबाजी के कारण जयपुर मेट्रो रेल का भी संचालन प्रभावित होता है। कई बार मेट्रो को बिजली सप्लाई करने वाली तारों में धातु मिश्रित मांझा फंसने से फाल्ट आ जाता है, जिसके कारण ट्रेन का संचालन कुछ समय के लिए रुक भी जाता है। इसे देखते हुए जयपुर मेट्रो रेलवे कॉरपोरेशन की ओर से भी मेट्रो लाइन के आस-पास पतंगबाजी नहीं करने के आदेश जारी किए जाते हैं।
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