उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए है कि त्योहार के सीजन को देखते हुए खाद्य पदार्थो के नमूने ज्यादा से ज्यादा लिए जाएं, क्योकि त्योहारों के दिनों में मिलावट की पूरी सम्भावना रहती है। उन्होंने कहा कि मिलावटी वस्तु व्यक्ति के स्वास्थ्य को कितना अधिक नुकसान पहुंचाती है इस बात से कोई अनभिज्ञ नहीं है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह आज जिला सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने जिला के तीनों उपमंडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि डॉक्टरों के साथ अपने-अपने क्षेत्र में खाद्य पदार्थो की सैंपलिंग करें ताकि कोई भी मिलावट करके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न कर सकें।
डीसी ने बताया कि खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता के लिए एफएसएसएआई किसी भी खाद्य पदार्थ में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पोषण, रंग, महक व आकार आदि की जांच करता है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत एफएसएसएआई खाने में मिलावट पर नियंत्रण करने का कार्य करता है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
इसके साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि बनाए गए सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) खाद्य पदार्थों के मानकों को स्थापित करती है। मानकों पर खरा नहीं उतरने पर एक हजार से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। यदि सैंपल अनसेफ पाया जाता है तो कोर्ट में केस चलता है और उसमें सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
बैठक में एसडीएम रविन्द्र यादव, कुशल कटारिया मनोज कुमार, सीटीएम संजीव कुमार, सीएमओ डॉ सुशील माही, सीएमजीजीए डॉ मृदुला सूद, खाद्य निरीक्षक डॉ सचिन कौशिक सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहें।
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