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फर्जीवाड़ा:छह जिलों की 10 फर्मों ने 46.23 करोड़ आईटीसी पाने को भेजे 385.26 करोड़ रुपए के फर्जी बिल

 


रोहतक स्थित जीएसटी ऑफिस में जांच करती सीबीआई टीम।
  • जींद, भिवानी, साेनीपत, रोहतक, दादरी, सिरसा के फर्म संचालकों को पकड़ा
  • जीएसटी विभाग में फर्म का रजिस्ट्रेशन करा संचालक दूसरी फर्मों को फर्जी बिल जारी कर रहे हैं। पिछले तीन सालाें में इस तरह के फर्जी बिल जारी करने वाली फर्माें की मॉनिटरिंग तेज हो गई है। सेंट्रल जीएसटी आयुक्तालय के अधिकारियों ने वर्ष 2018-19 के वित्तीय वर्ष में जींद, सोनीपत, भिवानी, दादरी, सिरसा, रोहतक जिले में 10 ऐसे फर्म संचालकों को पकड़ा है। इन फर्माें ने दूसरे कारोबारियों को 385 करोड़ 26 लाख 99 हजार रुपए के फर्जी बिल जारी कर दिए।

    फर्म संचालकों ने जीएसटी रिटर्न भरने के दौरान दिए ब्योरे में 385 करोड़ से अधिक की राशि का कारोबार दिखाया। सेंट्रल जीएसटी रोहतक आयुक्तालय की टीम ने फर्मों की रिटर्न की जांच प्रक्रिया के दौरान संचालकों की ओर से दिए ब्योरे पर संदेह पैदा हुआ। उन्होंने टीम गठित कर 6 जिलों की 10 फर्मों के रिकॉर्ड के साथ मौके की जांच कराई। पता चला कि फर्मों ने फर्जी बिल लिए थे। वे इन बिलों के सहारे जीएसटी विभाग से मिलने वाली इनपुट टैक्स क्रेडिट का भुगतान पाने की फिराक में थे।

    फेक बिल जारी करने वाले संचालक इन सामान का दिखाते थे कारोबार

    एंटी एवेजन ब्रांच के एक सुपरिटेंडेंट ने बताया कि जिन 10 फर्माें को फर्जी बिल इश्यू करने के मामले में पकड़ा गया है। वे फर्म संचालक कागजों पर ही सरिया, फुटवियर, ऑयल, केमेकिल, कॉटन सहित अन्य कई सामान का कारोबार दिखाकर कागजों पर करोड़ों रुपए का कारोबार दिखा दिया करते थे।

    संचालकों को नोटिस देकर मांगे जवाब

    सेंट्रल जीएसटी आयुक्तालय रोहतक के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018-19 में फर्जी बिल जारी करने वाली फर्मों की जांच लगातार जारी है। फर्म संचालकों को नोटिस जारी कर फर्जी बिल जारी करने के वाली फर्माें का ब्योरा मांगा है। फर्जी बिल जारी करने वाली फर्मों के संचालकों पर जीएसटी विभाग के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल राहत की बात यह है कि समय रहते फर्जीवाड़ा पकड़ लिया गया।

    कागजों पर भुगतान दिखाकर सिरसा जिले में 4 फर्मों ने जारी कर दिए 273 कराेड़ के फर्जी बिल

    आयुक्तालय के अधिकारी बताते हैं कि कागजों पर कारोबार दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट की भुगतान पाने की मंशा से फर्जी बिल जारी किए गए। वर्ष 2018-19 में पकड़ी गई 10 फर्मों में जींद जिले की दो फर्म की ओर से आठ करोड़ 27 लाख रुपए व दूसरी की ओर से 6 करोड़, भिवानी जिले की फर्म ने नौ करोड़ 99 लाख 99 हजार, रोहतक में संचालित फर्म के संचालक ने 11 करोड़, सोनीपत जिले एक फर्म संचालक ने 9 करोड़, दादरी जिले में 68 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जारी कर दिए।

    वहीं सिरसा जिले के दो फर्म संचालकों ने 68-68 करोड़ रुपए, दो अन्य फर्म संचालकों ने 67 और 70 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लेकर कारोबार करना दिखाया। सिरसा जिलों की इन चारों फर्मों के संचालकों ने जीएसटी अफसरों की पूछताछ में 273 करोड़ रुपए के फर्जी बिल लेने की बात का स्वीकार किया है।

    रोहतक में 6 सदस्यीय सीबीआई टीम ने पांच घंटे खंगाली फाइलें

    सोनीपत के मेडिसिन कारोबारी की शिकायत पर 14-15 अगस्त को सोनीपत व रोहतक में छापेमारी करने वाली सीबीआई की टीम 15 दिन बाद दोबारा शुक्रवार को जीएसटी रोहतक आयुक्तालय के अाॅफिस पहुंची। 6 सदस्यीय अफसरों की टीम ने 5 घंटे तक रुककर एंटी एवेजन ब्रांच में फाइलें खंगालीं। आयुक्तालय पहुंची टीम ने ब्रांच में सीलबंद अलमारी खुलवाई। सीबीआई टीम ने सहायक आयुक्त अनिल रावल, सुपरिंटेंडेंट अनूप शुक्ला समेत अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में 20 से ज्यादा फाइलों को अलमारी से निकालकर सूचीबद्ध किया गया।

    सीबीआई टीम ने रिश्वत के आरोपी कुलदीप हुड्‌डा से पूछताछ के दौरान विभाग के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता होने की बात स्वीकारने के संकेत दिए हैं। पूरे रिश्वत कांड के मुख्य आरोपी सुपरिंटेंडेंट गुरविंदर सिंह सोहल व दो इंस्पेक्टर रोहित मलिक और प्रदीप की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।





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