उत्तर पश्चिम रेलवे के आरपीसी सेक्शन में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन की शुरुआत सोमवार से हो गई। दिल्ली सराय रोहिल्ला से रवाना होकर रेवाड़ी होते हुए जन शताब्दी एक्सप्रेस अजमेर के लिए रवाना हुई। यह ट्रेन अजमेर से दिल्ली सराय रोहिल्ला वाया रींगस- फुलेरा (आरपीसी) होकर संचालित होगी।
गाड़ी संख्या 02066 दिल्ली सराय रोहिल्ला-अजमेर जनशताब्दी सोमवार को सराय रोहिल्ला से शाम 4.15 बजे इलेक्ट्रिक इंजन के साथ रवाना हुई। जो कि अपने तय समय पर 5.48 बजे रेवाड़ी पहुंच गई। कुछ देर के ठहराव के बाद नारनौल के रास्ते अजमेर के लिए ट्रेन को रवाना कर दिया गया, जो कि देर रात 10:35 बजे अजमेर पहुंचेगी।
वापसी में ट्रेन नंबर 02065 जनशताब्दी 28 जुलाई को अजमेर से अल सुबह 05:40 बजे रवाना होकर सुबह 10.08 बजे रेवाड़ी तथा 11:35 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इस ट्रेन का ठहराव अजमेर, किशनगढ़, फुलेरा, रींगस, नीम का थाना, नारनौल, रेवाड़ी, गुड़गांव, दिल्ली कैंट व सराय रोहिल्ला स्टेशनों पर होगा।
रेलवे अधिकारियों की माने तो ट्रेन के इलेक्ट्रिक इंजन से दिल्ली के लिए करीब 15 से 20 मिनट का समय बच जाएगा। हालांकि अभी तय समय पर ही ट्रेन संचालित होगी। अक्टूबर-नवंबर में नई समय सारणी जारी होने पर ट्रेन रफ्तार पकड़ेगी। जल्द ही दूसरी ट्रेन भी शुरू करने जा रहे हैं। वहीं यात्री गाड़ी से पहले मालगाड़ियों का संचालन विद्युतीकृत इंजन से शुरू हो चुका है।
बता दें कि रेवाड़ी-दिल्ली विद्युतीकरण परियेाजना की आधारशिला 12 अगस्त 2017 को गुड़गांव में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने रखी गई थी। गत वर्ष इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू भी की गई। जो कि दिल्ली मंडल से संचालित थी। अब उत्तर पश्चिम रेलवे में ट्रेन संचालित हुई है।
किराया नहीं बदलेगा, स्पीड बढ़ेगी : ट्रेन में कोच और किराया में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं होगा। रेलवे जानकारों के अनुसार डीजल इंजन पैसेंजर ट्रेन की औसतन स्पीड 40-45 किमी./घंटा रहती है। ट्रेनों का विद्युतीकरण होने से औसत स्पीड बढ़कर 65 किमी. प्रति घंटा पहुंच जाएगी। एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें तो डीजल इंजन एक्सप्रेस ट्रेन की औसतन स्पीड 80 किमी. प्रति घंटा है। इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद औसत स्पीड 105 किमी. प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी। औसत स्पीड बढ़ने से यात्रियों का आधा घंटा बच जाएगा।
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