Haryana Chunav Exit Polls: CM बदला, MLAs के टिकट काटे, परिवारवाद बढ़ाया...BJP क्यों है हैट्रिक से दूर?
चंडीगढ़. हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग खत्म होने के बाद आए एग्जिट पोल के भाजपा के पक्ष में नहीं है और ऐसे में पार्टी को बड़ा झटका लगा है. अहम बात है कि पार्टी अब भी 8 अक्तूबर को नतीजों का इंतजार कर रही है. एग्जिट पोल में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिल रहा है.
दरअसल, एग्जिट पोल के नतीजों ने भाजपा के हैट्रिक बनाने के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. भाजपा ने विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के लिए क्या नहीं किया. पार्टी का चहेरा तक बदल दिया. मनोहर लाल खट्टर को विधानसभा चुनाव से ठीक छह माह पहले हटा दिया और नायब सैनी को सीएम बनाया. संगठन में बदलाव किया मोहन लाल बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष की कमान दी. लेकिन कुछ भी काम नहीं आया
भाजपा ने क्या क्या बदलाव किए
हरियाणा में जीत के लिए भाजपा ने सरकार से लेकर संगठन तक में बदलाव किए, सबसे अहम बदलाव चुनाव की घोषणा के बाद किए. लेकिन कुछ काम नहीं आया. अपने एक तिहाई विधायकों के टिकट भाजपा ने काट किया. चार मंत्रियों को भी दोबारा चुनाव लड़वाने से इंकार कर दिया. बड़ी बात कि परिवारवाद पर कांग्रेस को घेरने वाली भाजपा ने पार्टी के नेताओं की अगली पीढ़ी को टिकट दिए. किरण चौधरी राव इंद्रजीत सिंह इसके उदाहरण हैं. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के हिसाब से पार्टी की तरफ से किए गए बदलाव काम नहीं आए.
भाजपा को किन मुद्दों ने पस्त किया
एग्जिट पोल के नतीजों के आधार पर आंकलन करें तो भाजपा को इस चुनाव में किसान, जवान, पहलवान जैसे मुद्दों की वजह से नुकसान हुआ. किसान आंदोलन की वजह से किसान भाजपा से नाराज थे. पहलवाल के साथ हुए विवाद का भी खासा असर पड़ा और अग्निवीर योजना भी भाजपा के गले की फांस बन गई. लगातार किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजी होती रही. साथ ही एंटी इंकबैसी यानी सत्ता विरोधी लहर भी भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी करती नजर आई. लगातार दो चुनाव में लोगों ने भाजपा का साथ दिया.
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