Skip to main content

क्या बंसीलाल से बड़े हो गए हैं चौधरी धर्मबीर? हरियाणा विधानसभा चुनावों की यह तस्वीर बहुत कुछ कहती है

 




हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अब जोर पकड़ रहा है। कांग्रेस और बीजेपी का संकल्प पत्र आने के बाद अब पार्टियों के उम्मीदवार जनता से वादे गिनाकर वोटरों को रिझाने में जुटे हैं। इस सब के बीच तोशाम विधानसभा सीट से सियासत की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने चुनावी पारे को और चढ़ा दिया है। इस फोटो में बीजेपी के भिवानी महेंद्रगढ़ से सांसद चौ. धर्मबीर (Dharambir Singh) श्रुति चौधरी को आशीर्वाद दे रहे हैं। हरियाणा के कई बार सीएम रहे चौधरी बंशी लाल की पोती श्रुति चौधरी का मुकाबला अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी से है।

इन गांवों में मांगे वोट
भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी के सांसद लोकसभा सीट से सांसद लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह ने बापोड़ा, दिनोद, बिरन, सागवन, बागनवाला, खरकड़ी सोहान, खरकड़ी माखवान, मीरान, इशरवाल व संडवा आदि गांवों में जनसम्पर्क किया और श्रुति चौधरी के लिए वोटों की अपील की । श्रुति चौधरी 2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीत कर लोकसभा पहुंची थीं। तो वहीं इसके बाद से चौधरी धर्मबीर लोकसभा सीट पर कब्जा बनाए हुए हैं।

तोशाम में कांटे की टक्कर
तोशाम के चुनावी दंगल में बने नए चुनावी समीकरणों के बीच इस सीट पर बेहद कड़े मुकाबले की भविष्यवाणी की जा रही है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई किरण चौधरी अब राज्य सभा सांसद हैं, उन्होंने तोशाम सीट से बेटी श्रुति चौधरी को मैदान में उतारा है, अभी तक सियासी तौर से प्रतिद्वंदी रहे धर्मबीर ने श्रुति को पहली बार अपना समर्थन दिया है। धर्मबीर का अभी तक चौधरी बंशीलाल के परिवार से सियासी मुकाबला रहा है। 1987 के विधान सभा चुनाव में धर्मबीर ने बंशीलाल को हराकर सनसनी फैला दी थी, हालांकि बूथ कैप्चरिंग के आरोपों को लेकर हुए कोर्ट केस में चुनाव रद्द हो गया था, अगले चुनाव में बंशीलाल ने फिर वापसी कर ली थी। धर्मबीर बंशीलाल ही नहीं बल्कि दो बार 2014, 2019 के लोक सभा चुनावों में श्रुति चौधरी को भी हरा चुके हैं।

बंसीलाल का गढ़ है तोशाम
तोशाम के चुनावी दंगल में हुए बड़े उलटफेर के बाद जिस तरह से बीजेपी के भिवानी महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मबीर ने श्रुति चौधरी के सिर पर हाथ रखकर समर्थन दिया है। उसके बाद अब राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है कि क्या श्रुति चौधरी फैमिली फाइट में अपने चचेरे भाई को हरा देंगी। श्रुति चौधरी के मुकाबले में कांग्रेस से लड़ रहे अनिरुद्ध चौधरी बंशीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा के लड़के हैं, जबकि श्रुति चौधरी उनके दूसरे बेटे चौ. सुरेंद्र सिंह और किरण चौधरी की बेटी हैं। हरियाणा में तोशाम की सीट पर अधिकतर समय बंशीलाल के परिवार का ही कब्जा रहा है।

क्या है इस उलटफेर की वजह?
लोक सभा चुनाव में इस बार चौ. धर्मवीर कांग्रेस प्रत्याशी राव दान सिंह के साथ कड़े मुक़ाबले में फंसे थे, उस समय किरण चौधरी ने कांग्रेस में होने के बावजूद धर्मबीर की मदद की थी और तोशाम से धर्मवीर जीत कर निकले थे। किरण ने अपनी पार्टी के दान सिंह की ख़िलाफ़त यह कहते हुए की कि जैसे पहले के चुनावों में दान सिंह ने हमें वोट दिलवाए थे, वैसे ही हम दिलवा देंगे। किरण चौधरी के धर्मवीर के शरण में आने से सवाल उठ रहे हैं कि क्या धर्मबीर का राजनीतिक क़द अब बंसी लाल परिवार से ऊंचा हो गया है? 2009 के चुनाव में किरण ने ही धर्मबीर को भिवानी जिले के बाढ़डा हलके से कांग्रेस की टिकट नहीं लेने दी थी। धर्मबीर को सोहना से चुनाव लड़ना पड़ा था। वो बात अलग है कि सोहना आने से धर्मबीर को फ़ायदा ही हुआ था। वे मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे। लोग यह भी कह रहे हैं कि धर्मबीर का कांटा निकल गया है।

Comments

Vyas Media Network

Vyas Media Network

Popular posts from this blog

पूर्व सीएम के PA ने रेवाड़ी CMO को बताया अनुभवहीन:CM सैनी से की शिकायत; बोले- स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल पर ध्यान नहीं दे रहीं

     सीएम नायब सैनी काे ज्ञापन सौंपते हुए पूर्व CM के पीएम अभिमन्यू यादव हरियाणा के रेवाड़ी का सरकारी अस्पताल सुर्खियों में आ गया है। पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के PA अभिमन्यु यादव ने स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया कि वो गृह जिले की सुविधाओं का ध्यान नहीं कर रही है। जिसके चलते यहां व्यवस्था बदहाल हो गई है। रेवाड़ी अस्पताल को लेकर अभिमन्यु यादव ने सीएम नायब सैनी को शिकायती पत्र में कहा कि रेवाड़ी का CMO अनुभवहीन है। सीएमओ को पॉलीक्लिनिक चलाने का ही अनुभव है। अनुभवहीन सीएमओ के कारण यहां की व्यवस्था बिगड़ रही है। जिससे पूरे अस्पताल के प्रबंधन पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। अभिमन्यु यादव के पत्र के अहम प्वाइंट 1. रेडियोलॉजिस्ट की कमी: रेवाड़ी अस्पताल में नियुक्त रेडियोलॉजिस्ट को प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया है। जिससे यहां कोई नियमित रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं है। अल्ट्रासाउंड की तारीख 3 महीने बाद की दी जाती है। कभी-कभी केस की तारीख के कारण यह तारीख 3 महीने और आगे बढ़ जाती है। 2. त्वचा रोग विभाग पूर्णत निष्क्रिय: डर्मेटोलॉजी विभाग में कोई स्किन स्पेशलिस्ट नहीं कार्यरत है। जिससे मरीजों ...

तारीख पर तारीख से मिलेगी निजात... तीन नए कानूनों को लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा हरियाणा, पढ़ें क्या होगा खास?

  HighLights हरियाणा में 28 फरवरी तक नए आपराधिक कानून लागू होंगे नए कानूनों में पहली बार मॉब लिंचिंग को किया गया परिभाषित देश की हर क्षेत्रीय भाषा में इन कानूनों को उपलब्ध कराया जाएगा  Three New Criminal laws in Haryana:  हरियाणा सरकार 28 फरवरी से तीनों नए आपराधिक कानून लागू करने जा रही है। इस बात का एलान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी कर दिया है। बीते शुक्रवार को सीएम नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा पहला राज्य बनेगा जो इन तीन नए आपराधिक कानूनों को अपने यहां लागू करेगा। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि 31 मार्च के लक्ष्य के विपरीत हरियाणा (Three New Criminal Laws in Haryana) मे 28 फरवरी तक नए आपराधिक कानून लागू होंगे। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ये तीन नए कानून क्या हैं और इसमें क्या कुछ नया है। आइए, इस बार में डिटेल से जानते हैं। क्या हैं तीन नए आपरधिक कानून? तीन नए आपराधिक कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 शामिल हैं। ये तीन नए कानून 1 जुलाई, 2024 से भारतीय दंड संह...

रेवाड़ी अस्पताल के जच्चा-बच्चा कक्ष में छत का प्लॉस्टर गिरा:घटना के समय 6 महिलाएं मौजूद थीं, सभी को दूसरी जगह शिफ्ट किया

  घटना वाले कक्ष की छत के हालात रेवाड़ी में स्थित सरकारी अस्पताल के जच्चा-बच्चा कक्ष में छत से प्लॉस्टर गिर गया। प्लॉस्टर गिरने के समय 6 महिलाएं मौके पर मौजूद थी। जिन्हें घटना के बाद अस्पताल के दूसरे कक्ष में शिफ्ट किया गया। घटना से अस्पताल में भर्ती मरीजों में दहशत का माहौल बन गया था। रेवाड़ी अस्पताल स्थित जच्चा बच्चा कक्ष में वीरवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे छत से प्लॉस्टर गिर गया। प्लॉस्टर एक महिला के पास में गिरा, जिससे जच्चा-बच्चा कक्ष में चीख-पुकार मच गई। ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ ने तुरंत अस्पताल प्रबंधन को बताया। जिसके बाद मरीजों को वहां से फर्स्ट फ्लोर पर शिफ्ट किया गया। डिलीवरी मरीज थी ज्यादा रेवाड़ी अस्पताल के में डिलीवरी के लिए आई गर्भवती महिलाओं की संख्या ज्यादा हो गई थी। जिसके कारण ग्राउंड फ्लोर पर भी डिलीवरी के बाद महिलाओं को यहां रखा गया था। हादसा हुआ तो मौजूद महिलाओं के परिजन बिफर गए। जिन्होंने कहा कि यहां पर महिलाएं सुरक्षित नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने ऐसे कमरे में रखा है, जहां पर कभी भी हादसा हो सकता है।