मिशन 2024 में जुटी भाजपा लोकसभा चुनाव में बड़ा फेरबदल करने जा रही है। इस बार पार्टी हरियाणा में पांच नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। सूत्रों ने दावा किया कि हरियाणा के मौजूदा दो सांसदों ने चुनाव से लड़ने से मना कर दिया है
एक सांसद का निधन हो चुका है, जबकि दो सांसदों को टिकट मिलने की संभावना काफी कम है। ये दोनों सांसद समय-समय पर सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। ऐसी स्थिति में पार्टी पांच पुराने सांसदों पर दांव लगाएगी और पांच नए चेहरों को मैदान में उतारेगी।
हरियाणा में कुल दस लोकसभा सीटें हैं। पिछले चुनाव में पार्टी ने दस सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, बीते चार सालों में हरियाणा के कुछ हिस्सों में पार्टी को विरोध का सामना करना पड़ा है। पहले किसान आंदोलन और फिर पहलवानों के आंदोलन से भाजपा को नुकसान पहुंचा है। वहीं, कुछ जगहों पर पार्टी को सत्ता विरोधी लहर का भी खतरा है।
पार्टी के एक नेता ने बताया कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए पार्टी इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और पार्टी का लक्ष्य स्पष्ट है कि वह किसी भी सूरत में लोकसभा की दस-दस की सीट पर कमल खिलाना चाहती है। इसके लिए वह किसी तरह का खतरा मोल लेना नहीं चाहती। हरियाणा में सक्रिय पार्टी के एक नेता ने बताया कि चुनाव में अभी समय है, लेकिन पार्टी ने संगठन के साथ उम्मीदवारों पर होमवर्क शुरू कर दिया है। पार्टी लगातार सांसदों से फीडबैक ले रही है। उनके साथ बैठकें हो रही हैं। उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। उनके क्षेत्र में आयोजित हो रही रैलियों से भी उनकी क्षमता और लोकप्रियता नापी जा रही है।
ऐसे सांसदों के टिकट पर संशय के बादल
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के राडार में वे सांसद हैं, जिनका रिपोर्ट कार्ड खराब होने के साथ पार्टी लाइन से हटकर सरकार की नीतियों का आलोचना करते रहे हैं। संसद सत्र के दौरान उनकी हाजिरी कितनी रही, यह फैक्टर भी देखा जाएगा। इसके अलावा पार्टी अपने स्तर पर यह भी जांच कर रही है कि सांसदों के क्षेत्र में केंद्र सरकार की नीतियों को लाभ जनता को मिला या नहीं।
टिकट के लिए सांसदों का निर्वाचन क्षेत्र के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र में आचरण भी काफी मायने रखने वाला है। हालांकि पार्टी को बगावत का डर नहीं है। यदि ऐसा होता भी है तो पार्टी अपने रुख में बदलाव नहीं करेगी। अब तक कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस नीति को लेकर अपना रुख स्पष्ट रखा है। कर्नाटक चुनाव में कई लोग पार्टी छोड़कर चले गए, लेकिन पार्टी ने अपने फैसले पर बदलाव नहीं किया।
प्राइवेट एजेंसी से पार्टी करवा रही सर्वे
सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने पूरे हरियाणा में सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। पार्टी ने इसके लिए प्राइवेट एजेंसी को नियुक्त किया है। वह हर लोकसभा में क्षेत्र में यह जानने की कोशिश कर रही है कि सांसद कितने लोकप्रिय हैं। सर्वे पूरा होने के बाद पार्टी प्रभारी हर लोकसभा क्षेत्र से तीन से चार नाम केंद्रीय चुनाव समिति (सीआईसी) को भेजेगी।
दो दौर की हो चुकी हैं मीटिंग
हरियाणा भाजपा प्रभारी बिप्लव कुमार देब के साथ हरियाणा के सांसदों की दो दौर की बातचीत हो चुकी है। पहली बैठक में उन्होंने सभी सांसदों के साथ एक साथ बैठक की थी। उसके बाद वन टू वन बैठक की। बताया जा रहा है कि प्रभारी भी जल्द लोकसभा क्षेत्रों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।
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