इटली में आयोजित अंडर-17 विश्व कैडेट कुश्ती चैंपियनशिप में हरियाणा के रोहतक के पिलाना गांव की बेटी सविता ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता। शुक्रवार को भारतीय समयानुसार रात साढ़े 10 बजे हुए 61 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल मैच में सविता ने यूएसए की खिलाड़ी हैमिल्टन को 12-0 के स्कोर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष सविता का यह दूसरा पदक है। पदक जीतने की जानकारी मिलते ही परिजनों व गांव वासियों में काफी उत्साह है।
छोटूराम स्टेडियम में स्थित हरियाणा सरकार की खेल नर्सरी के कोच मंदीप ने बताया कि सविता पिछले पांच साल से खेल नर्सरी में अभ्यास कर रही है। सविता ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता के सभी मुकाबलों में एकतरफा प्रदर्शन कर स्वर्ण पदक हासिल किया। क्वार्टर फाइनल मैच में सविता ने मोलडोवा की खिलाड़ी एना को 11-0 से हराया व सेमीफाइनल मैच में जापान की खिलाड़ी सासाकी को 6-0 के स्कोर से हराया।
खेलो इंडिया व एशियन चैंपियनशिप में भी जीता था स्वर्ण पदक
कोच मंदीप ने बताया कि विश्व चैंपियनशिप समेत सविता ने इसी वर्ष किर्गिस्तान में आयोजित हुई सब जूनियर एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। पंचकूला में हुए खेलो इंडिया गेम्स में भी सविता ने स्वर्ण पदक जीता था। रांची में हुए नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। पिछले वर्ष हुए अंडर 15 नेशनल गेम्स में कांस्य पदक जीता। 2019 में अंडर 14 नेशनल गेम्स में तीन स्वर्ण पदक जीते थे।
तीन पीढ़ियों से कर रहे हैं पहलवानी
सविता के ताऊ कृष्ण पहलवान ने बताया कि सविता के दादा मुख्तयार सिंह क्षेत्र के नामी पहलवान रहे। उनके बाद उन्होंने स्वयं पहलवानी की। अब सविता पहलवानी की परंपरा को आगे बढ़ा रही है। हालांकि परिवार में ताऊ का लड़का अनिल ने भी कुश्ती में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है। सविता के बड़े भाई अरविंद गांव में रहकर ही कुश्ती के गुर सीख रहे हैं। सविता के पिता सुनील किसान व माता कृष्णा गृहिणी हैं।
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