प्रदूषण रहित माध्यम से बिजली पैदा करने की दिशा में रेवाड़ी जिला देश के लिए मिसाल बनेगा। दक्षिण हरियाणा में बहुतायत मात्रा में पैदा होने की वाली सरसों की तूड़ी (सरसों की कटाई के बाद बचने वाला अवशेष) से बिजली पैदा करने के लिए एक निजी कंपनी ने जिला के कोसली उपमंडल के गांव खुर्शीद नगर में 2 मेगावॉट का प्लांट प्रारंभ किया गया। इस प्लांट में तूड़ी को जलाने की बजाय उसे भाप से गलाकर बिजली पैदा की जाएगी जिसमें किसी भी तरह का कोई वायु प्रदूषण नहीं होगा। फिलहाल हर घंटे 2 मेगावॉट बिजली पैदा की जाएगी।
हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी के माध्यम से निजी क्षेत्र की के-2 पॉवर रिनुवल प्राइवेट लिमिटेड ने इस प्लांट की स्थापना की है। लगभग 5 एकड़ में स्थापित किए गए इस प्लांट के माध्यम से हर घंटे 2 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाएगा और यह बिजली सीधे ही डीएचबीवीएन के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा का दी जाएगी।
इसके लिए कंपनी ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से भी अनुबंध किया है। निगम के एमएंडपी विंग के भिवानी कार्यकारी अभियंता मुकेश हुड्डा ने बताया कि यह कंपनी अक्षय ऊर्जा एजेंसी से सूचीबद्ध है और यह न केवल हरियाणा बल्कि देश का पॉल्यूशन रहित पहला पॉवर प्लांट है।
दक्षिण हरियाणा में पर्याप्त है सरसों की तूड़ी
पॉवर प्लांट के मालिक राजपाल सिंह ने इसमें सरसों की तूड़ी के माध्यम से गैस से इंजन चलेंगे और यह अपनी तरह की पहली तकनीकी है। उन्होंने दावा किया कि इस तकनीकी का इजाद उन्होंने खुद ही किया है और यह देश में इस तरह का पहला पॉवर प्लांट है। इसमें 400 किलोवॉट क्षमता के 5 इंजन लगाए हैं जो तूड़ी के जलने से गैस बनाकर उससे बिजली पैदा करेंगे। इसमें बॉयलर सिस्टम की बजाय बायोगैस विधि से बिजली बनेगी।
उन्होंने बताया कि प्लांट में 24 घंटे में 600 क्विंटल तूड़ी की खपत से 48 हजार यूनिट बिजली पैदा की जाएगी। डीएचबीवीएन के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे के हिसाब से दी जाएगी। इसका भुगतान सरकार के नियमानुसार किया जाएगा। उन्होंने बताया इस प्रोजेक्ट में 150 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। आगे चलकर इसे सोलर के साथ जोड़ा जाएगा इसी तकनीकी में आगे बढ़ते हुए इसकी हीट से कोल्ड स्टोरेज चालू किया जाएगा।
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