हरियाणा में विधानसभा चुनाव से 3 महीने पहले एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) एक्शन में आ गई है। शुक्रवार-शनिवार की रात ED ने सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार कर लिया। सुरेंद्र पंवार अवैध खनन से जुड़े मामले में दिल्ली ED ऑफिस में पेश हुए थे। यहीं से टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इसके बाद टीम उन्हें रात को सोनीपत स्थित आवास पर लेकर पहुंची। शनिवार सुबह उन्हें अंबाला के जिला कोर्ट में पेश किया। कोर्ट लंच के बाद फैसला सुनाएगी।
अवैध खनन का केस यमुनानगर के पूर्व इनेलो विधायक दिलबाग सिंह से जुड़ा हुआ है। सुरेंद्र के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अहम सबूत मिले थे। ED ने जो दस्तावेज जब्त किए थे, उन पर वह पंवार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई।
खनन कारोबार को लेकर जनवरी में रेड हुई
विधायक सुरेंद्र पंवार का हरियाणा के साथ राजस्थान में भी खनन कारोबार है। 4 जनवरी को ED की टीम ने उनके सोनीपत में सेक्टर-15 स्थित आवास पर रेड की थी। खनन कारोबार में करीब 36 घंटे तक जांच हुई थी। जिसके बाद खनन कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए टीम ने घर में रखे डॉक्यूमेंट खंगाले थे।
उसी दिन यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर भी ED की टीम ने रेड की थी। उनके महाराणा प्रताप चौक के पास ऑफिस, सेक्टर-18 में खनन एजेंसी के ऑफिस और कलेसर में फार्म हाउस पर जांच की गई। उनके करीबियों संजीव गुप्ता, इंद्रपाल सिंह उर्फ बबल के घर, ट्रांसपोर्टर गुरबाज सिंह के ऑफिस पर भी टीमें पहुंची थीं।
5 दिन रेड के बाद 8 जनवरी को दिलबाग सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने दावा किया था कि रेड के दौरान दिलबाग के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 3 गोल्ड बिस्किट, विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें, विदेश में बनाई कई संपत्तियों के कागजात, 5 विदेशी राइफलें, 300 कारतूस समेत अन्य चीजें बरामद की।
जिसके बाद यमुनानगर में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्साइज एक्ट में 2 केस दर्ज किए गए थे। एक महीने बाद दिलबाग सिंह को जमानत मिल गई थी।
चुनाव से पहले हरियाणा में ED के 3 बड़े एक्शन
1. धर्म सिंह छौक्कर के बेटे की गिरफ्तारी
1 मई को पानीपत की समालखा सीट से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के बेटे सिकंदर सिंह को ED की टीम ने गिरफ्तार किया था। टीम ने यह कार्रवाई घर खरीदारों के पैसों की धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की थी।
सिकंदर ने साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जरिए 1,497 लोगों से घर के बदले 360 करोड़ रुपए लिए थे। इन लोगों को दिल्ली के नजदीक गुरुग्राम के सेक्टर 68 में घर बनाकर देने का भरोसा दिया गया, लेकिन फर्म मकान देने में विफल रही। साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में गुरुग्राम में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
2023 के जुलाई महीने में धर्म सिंह छौक्कर के आवास पर रेड भी की गई थी। पिछले दिनों इस केस में धर्म सिंह छौक्कर की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज हुई थी।
2. कांग्रेस विधायक राव दान सिंह पर ED रेड
17 जुलाई को ED की टीम ने महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह के ठिकानों पर रेड की थी। उनके महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम समेत 5 शहरों में फॉर्म हाउस और दफ्तरों की जांच की गई थी। इस दौरान कारोबार, कंपनी व बैंकों से जुड़े कागजात खंगाले। ED की टीम दोपहर बाद करीब 4 बजे दान सिंह की पत्नी और पुत्रवधू को बैंक में लेकर गई।
वहां करीब एक घंटे तक खातों से संबंधी जानकारी ली गई। ED राव दान सिंह के यहां 1392 करोड़ रुपए के बैंक कर्ज धोखाधड़ी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
3. भूपेंद्र हुड्डा से जुड़े केस में संपत्ति जब्त
इससे पहले शुक्रवार को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेसर्स M3M इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की 88.29 एकड़ में फैली 300.11 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अटैच किया। यह जमीन गुरुग्राम के बांस हरिया गांव में है। इस मामले में सीबीआई ने तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स आर.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और 14 अन्य कलोनाइज़र कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि कलोनाइज़र कंपनियों ने सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 और 6 की अधिसूचना जारी कराई। फिर अधिग्रहण का डर दिखाकर मार्केट रेट से कम दामों पर जमीन खरीद ली।
ED की जांच से खुलासा हुआ कि M3M समूह के प्रमोटर बसंत और रूप बंसल के स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (RSIPL) ने मिलीभगत कर 10.35 एकड़ भूमि के लिए अवैध रूप से लाइसेंस प्राप्त किए। इसके बाद कॉलोनी भी विकसित नहीं की। बाद में उन्होंने कंपनी के शेयर और संपत्ति को मेसर्स रेलिगेयर समूह की संबद्ध इकाई मेसर्स लो रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड को 726 करोड़ रुपए में बेच दिया। इससे अवैध रूप से 300.15 करोड़ रु. कमाए।
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