फोटो सोशल मीडिया
चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अगले शैक्षिक सत्र में बच्चों को टैबलेट मिल जाएंगे। प्रदेश सरकार ने पांच लाख टैबलेट खरीदने का टेंडर जारी कर दिया है, जिस पर करीब 560 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले 11वीं और 12वीं के बच्चों को यह टैबलेट दिए जाएंगे। इसके बाद हर साल एक-एक कक्षा के विद्यार्थियों को यह टैबलेट मिलेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में मंगलवार को हुई हाई पावर परचेज कमेटी में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद पत्रकारों से रू-ब-रू मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने बताया कि टैबलेट खरीदने के लिए सैमसंग कंपनी को आर्डर दिया गया है। प्रत्येक टैबलेट की कीमत 12 हजार 400 रुपये होगी। करीब 36 हजार टैबलेट स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को दिए जाएंगे, जबकि साढ़े चार लाख से अधिक विद्यार्थियों को यह टैबलेट दिए जाएंगे। पहले चरण में 11वीं और 12वीं के बच्चों को ही यह सुविधा मिलेगी। प्रोजेक्ट सफल रहने पर अन्य कक्षाओं के बच्चों को टैबलेट दिए जाएंगे।
चूंकि सैमसंग कंपनी ने आर्डर पूरा करने के लिए चार महीने का समय लिया है, ऐसे में नए शैक्षिक सत्र में ही बच्चों को टैबलेट मिल पाएंगे। पहले आठवीं से बारहवीं तक के बच्चों को टैबलेट देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब आठवीं से दसवीं तक के बच्चों को टैबलेट देने का काम प्रोजेक्ट की सफलता पर निर्भर करेगा।
खास बात यह कि बच्चे टैब को मनमर्जी से नहीं चला पाएंगे। इस पर शिक्षा विभाग का नियंत्रण रहेगा। टैब में यू-ट्यूब और फिल्मी प्लेटफार्म नहीं चलेंगे। सिर्फ पढ़ाई ही हो सकेगी। बच्चे क्या और कितनी देर तक टैबलेट देख रहे हैं, इसका पूरा रिकार्ड विभाग के पास मौजूद रहेगा। यह टैब एमडीएम यानी मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट प्रणाली से लैस होंगे। इंटरनेट की सुविधा भी इनमें रहेगी।
भारतीय कंपनी के खरीदने थे , ये सरकार की Policy गलत है
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