बाजार है... यहां सड़क भी बिकती है:फड़ी लगवाने के लिए कई दुकानदार 7 हजार रुपए से 40 हजार तक में बेच रहे सड़क
हरियाणा/ रेवाड़ी
बाजार है यहां सब बिकता है, यह ताे आपने सुना हाेगा, लेकिन बाजार में सड़कें भी बिकती है, इसकी जानकारी कम ही लाेगाें काे है। जी हां, हम आज आपकाे इसी सच्चाई से वाकिफ करवा रहे हैं।
हालात ऐसे हैं कि अतिक्रमण के नाम पर जनता परेशान हो रही है। दूसरी ओर किसी बाजार में दुकानदार ही दुकान के आगे की सड़क का माेलभाव कर रहे हैं वहीं दुकानदार मुख्य बाजाराें में 7 से 40 हजार रुपए तक की वसूली फड़ी वालाें से कर रहे हैं।
दिवाली पर रेट अलग लेंगे भाई
ग्राहक : भैया दुकान के बाहर फड़ी लगानी है कितने रुपए लाेगे?
व्यापारी : अभी ताे फड़ के लिए किसी काे बाेल रखा है,आप फाेन नंबर ले जाओ, बाद में पता करना।
ग्राहक : रेट क्या रहेगा?
व्यापारी : परमानेंट भी बता देंगे आपकाे। हाेता क्या है कि आप अभी आए हाे, वाे जाे चार्ज हाेगा दिवाली के हिसाब से, 20 हजार रुपए एक टेबल लगाने का चार्ज हाेता है।
हर बाजार में है अलग रेट है
फड़ी वाला: सबका अलग अलग रेट है जी, काेई 20 मांग रहा ताे काेई 25 मांग रहा है। हमारी ताे मजबूरी है लगाने कि हमारे पास डेढ़ से दाे लाख का माल पड़ा है।
ग्राहक: आप ताे परमानेंट यहीं फड़ी लगाते हो, क्या रेट दे रहे हो दुकानदार को?
व्यापारी: हम ताे जी यहां पर दुकान के बाहर फड़ी लगाने का 20 हजार रुपए देते हैं। बाकी बाजार में आगे ये रेट कम है।
शहर की पुरानी सब्जीमंडी, मोती चौक, गोकल बाजार, रेलवे रोड, काठमंडी, नया बाजार, अपना बाजार आदि में अतिक्रमणकारियों ने सड़क पर ही अपनी दुकानें लगाकर पक्का कब्जा जमाना शुरू कर दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और नगर परिषद की टीम बाजारों में निकलकर स्थिति को काबू में करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। बड़ी बात यह है कि इन अतिक्रमणकारियों से बाजार के ही दुकानदार किराया भी वसूल कर रहे हैं।
जिला प्रशासन अगर अतिक्रमणकारियों पर भी नकेल कस दे तो निश्चित तौर पर बाजारों में किसी भी तरह की समस्या नहीं रहेगी।
Bhai ye shai baat h dukan dar he bazar me jaam jagwate h
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