चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने नूंह के पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को वक्फ बोर्ड का प्रशासक नियुक्त किया है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पिछले दिनों वक्फ बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की प्रदेश सरकार की अधिसूचना रद कर दी थी। इन सदस्यों की नियुक्ति को वक्फ बोर्ड के संविधान के विपरीत बताते हुए उन्हें हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया था। राज्य सरकार ने जाकिर हुसैन को नए सदस्यों की नियुक्ति तक प्रशासक का कार्यभार सौंपा है।
जाकिर हुसैन बहुजन समाज पार्टी और इनेलो में भी रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव हार गए। भाजपा ने जाकिर हुसैन को अल्पसंख्यक मोर्चा का राष्टरीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। गृह सचिव राजीव अरोड़ा की ओर से जारी परिपत्र के मुताबिक वक्फ बोर्ड का सारा कामकाज प्रशासक जाकिर हुसैन की देखरेख में होगा। वक्फ बोर्ड का मुख्यालय अंबाला छावनी में हैं।
हरियाणा वक्फ बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की प्रक्रिया को चुनौती मिलने के बाद अब सदस्यों का नए सिरे से नियमों के अनुरूप चयन होगा। उसके बाद ही अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो पाएगा। खास बात यह रही कि हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में माना कि सदस्यों को नामित करते हुए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।
एडवोकेट मोहम्मद अरशद ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि हरियाणा वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 में बना था, जिसे 2013 में संशोधित किया गया। एक्ट में चुनाव और अन्य प्रक्रियाओं के लिए तय प्रविधान हैं और इन प्रविधानों के अनुरूप ही बोर्ड का संचालन होता है। एक्ट के अनुरूप बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की तय प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया है। सरकार चाहे तो इन्हें खुद नामित कर सकती है, लेकिन इसके लिए उसे लिखित में इसका कारण बताना जरूरी है
याची मोहम्मद अरशद ने हाई कोर्ट को बताया था कि पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को भी सरकार ने नामित करते हुए सारी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दिया था। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हाई कोर्ट को हरियाणा सरकार ने विश्वास दिलाया था कि जब तक हाई कोर्ट से अनुमति नहीं ली जाएगी, तब तक चेयरमैन का चुनाव भी नहीं होगा। अब नया बोर्ड और उसके सदस्यों की नियुक्ति होने तक हरियाणा सरकार ने जाकिर हुसैन को प्रशासक का काम सौंप दिया है।
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