हरियाणा/ रेवाड़ी
धारूहेड़ा --
कहा:- भाजपा से टिकट मिले या न मिले लडूंगा निर्दलीय चेयरमैन का चुनाव----
गत चुनाव में मामूली अंतर से मिली थी हार-----
गत चुनाव में गठबंधन के कारण जजपा के खाते में चली गई थी सीट----
भाजपा जिला युवा मोर्चा से इस्तीफा देकर लड़ा था निर्दलीय चुनाव---
जजपा प्रत्याशी रहा था तीसरे नंबर पर----
निर्दलीय प्रत्याशी कंवर सिंह की हुई थी जीत---
बोहरा ने ही चेयरमैन की दसवीं की सर्टिफिकेट को लेकर की थी शिकायत-----
जांच के बाद दसवीं की सर्टिफिकेट मिली थी बोगस---
कवर सिंह शपथ तक नही ले पाए थे----
आज से शुरू हो गई नामांकन प्रक्रिया---
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रेवाड़ी 27 अगस्त
धारूहेड़ा नगरपालिका उप चुनाव के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई। जजपा ने एक बार फिर धारूहेड़ा नगर पालिका के चेयरमैन के पद के लिए दावेदारी जता दी है तो वही भाजपा में भी मंथन का दौर जारी है। जहां जजपा के जिला अध्यक्ष श्यामसुंदर सभरवाल ने अपनी ठोस दावेदारी तो जता ही दी साथ में उन्होंने यह घोषणा भी कर दी कि इस बार भी जजपा पार्टी का प्रत्याशी मनजीत जैलदार के परिवार से ही होगा। जहां जजपा पार्टी दावेदारी जता रही है वही बीते दिन जिला भाजपा कार्यालय में सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल की अध्यक्षता में धारूहेड़ा उपचुनाव के लिए मंथन किया। इस बार भाजपा चाहती है कि धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन का प्रत्याशी उनका हो क्योंकि भाजपा तर्क दे रही है कि गत चुनाव में जजपा का प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था वहीं भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले संदीप बोहरा मामूली अंतर से हार गए थे अगर यह सीट जजपा के खाते में नहीं जाती तो धारूहेड़ा नगरपालिका का चेयरमैन भाजपा का होता। अब भाजपा तर्क दे रही है कि जजपा व भाजपा का समझौता पिछले चुनाव तक ही था। भाजपा इस बार कतई नहीं चाहती कि गत चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी पर दोबारा से दांव लगाया जाए। भाजपा चाहती है कि जजपा के पास कमजोर प्रत्याशी होने के कारण इस बार भाजपा के प्रत्याशी को मौका दिया जाए। संदीप बोहरा भी अभी देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहे हैं। चेयरमैन कंवर सिंह की सर्टिफिकेट बोगस पाये जाने के बाद से ही वह लगातार जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। उन्होंने यह घोषणा भी कर दी की अगर भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो वह निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। वही पिछली बार बतौर निर्दलीय चेयरमैन का पद जीतने वाले कंवर सिंह यादव भी अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतार कर चुनाव को दिलचस्प बना सकते हैं। आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई सभी की नजर जजपा ,भाजपा की ओर लगी हुई है कि आखिर पार्टी क्या निर्णय लेगी लेकिन गत चुनाव में मामूली अंतर से हारने वाले संदीप बोहरा ने ताल ठोक दी है। अगर जजपा को दावेदारी मिलती है तो चुनाव की तस्वीर पिछले चुनाव की तरह ही ज्यादा दिखाई दे रही है। जजपा यह दावा कर रही है कि इस बार मनजीत जेलदार के परिवार की आपसी फूट नहीं रहेगी लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। अगर जजपा पार्टी का प्रत्याशी मैदान में उतरता है तो एक तो उन्हें परिवार की फूट से दो-चार होना पड़ेगा वही भाजपा के भीतर घात से भी लड़ना होगा। वही संदीप वोहरा को इसका लाभ जरूर मिलेगा। कुछ दिन में ही तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।
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