नदी का जलस्तर एक लाख 60 हजार क्यूसेक पर पहुंचा, यह इस सीजन का सबसे ज्यादा है। यमुना से सटे इलाकों को खाली करवाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। हथिनीकुंड बैराज पर बुधवार को करीब एक लाख 60 हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। जिसके चलते बैराज के सभी 18 गेट खोलकर दिल्ली की तरफ पानी भेजा जा रहा है। वहीं पश्चिमी यमुना नहर भी अपने उच्चतर स्तर पर चल रही है। जिले में यमुना से सटे इलाकों को खाली करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
हथिनीकुंड बैराज पर दोपहर एक बजे 159753 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। जो इस सीजन में सबसे ज्यादा है। सुबह 6 बजे यह पानी मात्र 23415 क्यूसेक था। सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल सिंह के मुताबिक 70 हजार क्यूसेक को खतरे का निशान मानते हुए अलर्ट जारी किया जाता है। हालांकि ढाई लाख क्यूसेक तक स्थिति कंट्रोल में रहती है और बाढ़ घोषित नहीं की जाती।
72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा पानी
वहीं जिला प्रशासन ने दिल्ली को अलर्ट भेज दिया है। अगले 72 घंटे में यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। इससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। वहीं यमुनानगर प्रशासन ने करनाल, पानीपत और सोनीपत के उपायुक्त को ताजा स्थिति से अवगत करवाते हुए सावधानी बरतने की सूचना भिजवा दी है।
डीसी गिरीश अरोड़ा ने यमुनानगर जिले में यमुना से सटे इलाकों को खाली करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ग्रामीणों को हिदायत दी है कि वे यमुना की तरफ जाने से बचें। किसान भी अगले आदेश तक यमुना की जद में अपनी फसल देखने न जाएं। पानी के तेज बहाव से अनहोनी हो सकती है।
सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल सिंह ने बताया संभावित बाढ़ की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए हैं। हथिनी कुंड बैराज पर सात कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, जो 24 घंटे ड्यूटी करेंगे।
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