हरियाणा/रेवाड़ी, 27 जून
रेडक्रॉस विभाग द्वारा 3 मृतकों के फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट बनाने के मामले में 28 जून को एसडीएम रेवाड़ी द्वारा दोनों पक्षों को जांच के लिए एसडीएम कार्यालय में बुलाया गया है। मगर शिकायतकर्ता एडवोकेट सुनील भार्गव को इस बात का अंदेशा है कि यह जांच प्रभावित हो सकती है, क्योंकि रेडक्रॉस सचिव के हस्ताक्षर की जगह एक क्लर्क द्वारा हस्ताक्षर किये गए हैं, जो एसडीएम कार्यालय में बिलिंग क्लर्क है। भार्गव ने ई-मेल के जरिए डीसी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा राज्य रेडक्रॉस व एसडीएम रेवाड़ी को लिखा है कि उपरोक्त मामले की जांच एडीसी से कराई जाए।
रेडक्रॉस सीएसआर सब कमेटी सदस्य एडवोकेट सुनील भार्गव के मुताबिक उन्हें सूचना मिली कि रेवाड़ी रेडक्रॉस में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 300 की जगह 800 से 1000 लेकर सिर्फ आधार कार्ड के माध्यम से एक दिन का फर्स्ट एड ट्रेनिंग सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है। यह सुन सुनील भार्गव को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने मामले की तह तक जाने के लिए एक व्यक्ति को मरे हुए व्यक्ति का आधार कार्ड भेज एक फर्स्ट एड सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भेजा। वह व्यक्ति फीस से अधिक (जैसा कि सुनील भार्गव ने बताया) एक हजार देकर मृतक का फर्स्ट एड सर्टिफिकेट बनवा लाया। जब यह मामला मीडिया में आया तो डीसी ने इसकी जांच के आदेश एसडीएम रेवाड़ी को सौंप दी।
सुनील भार्गव का कहना है कि वे इस मामले की जांच मीडिया के समक्ष करवाने का प्रयास करेंगे, ताकि दूध का दूध, पानी का पानी हो सके। उन्होंने कहा कि यदि मैं दोषी निकला तो सजा भुगतने को तैयार हूं।
मगर कुछ भी हो, अब देखना यह है कि इस मामले की जांच एडीसी करते हैं या फिर कोई मामले को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
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