हरियाणा/ रेवाड़ी
जिला रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से जारी हुई फर्जी फर्स्ट एड सर्टिफिकेट का मामला तूल पकड़ चुका है। शोर मचा तो जिला प्रशासन ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए गए। डीसी यशेंद्र सिंह ने एसडीएम रविंद्र यादव को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही उन्हें पूरे फर्जीवाड़े की एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
बता दें कि 3 मृत लोगों के फर्स्ट एड सर्टिफिकेट जारी होने के चलते रेडक्रॉस सोसायटी में कर्मचारी-अधिकारियेां की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए। अधिवक्ता सुनील भार्गव ने इन फर्जी सर्टिफिकेट की प्रति के साथ ही शिकायत भेजकर रेडक्रॉस में गड़बड़झाले के आरोप लगाए थे। इसकी जांच एसडीएम करेंगे। 28 जून को एसडीएम यादव सुनवाई करेंगे।
शिकायतकर्ता को सबूतों के साथ बुलाया
एसडीएम ने जांच की कार्यवाही शुरू करते हुए रेडक्रॉस सचिव को नोटिस भेज संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों केा सुनवाई के लिए उपस्थिति होने के निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ता को भी कहा गया है कि वे सबूतों के साथ 28 जून को उनके कार्यालय में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए फर्स्ट एड सर्टिफिकेट केा जरूरी किया हुआ है।
इसके लिए एक दिन का प्रशिक्षण भी जरूरी है तथा उसी दिन शाम को फर्स्ट-एड ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में जिन 3 मृतकों के फर्स्ट-एड सर्टिफिकेट जारी होने की बात कही गई है। दावा है त्रिलोक चंद पुत्र लाल सिंह, सावित्री देवी पत्नी जोतराम तथा निखिल गुप्ता पुत्र रतनलाल गुप्ता तीनों की मृत्यु हो चुकी है। बतौर सबूत शिकायत के साथ भेजी गई प्रमाण पत्रों की प्रति के अनुसार त्रिलोकचंद व सावित्री देवी के फर्स्ट-एड सर्टिफिकेट इसी माह 11 जून को जारी किए हैं। जबकि निखिल गुप्ता का प्रमाण पत्र 21 जून को ही जारी हुआ है।
रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई : डीसी
डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा कि मामले की जांच एसडीएम रविंद्र यादव कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी। उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट मिलने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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