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रजिस्ट्री घोटाला मामला:सोहना के तहसीलदार और 6 नायब तहसीलदार सस्पेंड, सीएम के आदेश पर गुड़गांव में कड़ी कार्रवाई


  • जिन पटवारियों ने रिपोर्ट दी, उनकी जांच करेंगे गुड़गांव के आयुक्त
  • एनओसी देने वाले अर्बन लोकल बॉडी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों की होगी जांच




  • हरियाणा की तहसीलों में हुए रजिस्ट्री घोटाले में प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। गुड़गांव के छह रेवन्यू अधिकारियों एक तहसीलदार और पांच नायब तहसीलदारों को एक साथ सस्पेंड किया गया है। जबकि एक सेवानिवृत्त तहसीलदार पर भी कार्रवाई हुई है। सीएम मनोहर लाल के आदेश पर इन अधिकारियों को फाइनेंशियल कमिश्नर रेवेन्यू विजय वर्धन ने सस्पेंड किया है।
    हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन अधिनियम 1975 का उल्लंघन कर डीड का पंजीकरण करने के मामले में यह कार्रवाई हुई है। सस्पेंड किए गए अधिाकारियों में गुड़गांव जिले के सोहना के तहसीलदार बंसी लाल और नायब तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल, बादशाहपुर के नायब तहसीलदार हरि कृष्ण, वजीराबाद के नायब तहसीलदार जय प्रकाश, गुड़गांव के नायब तहसीलदार देश राज कांबोज व मानेसर के नायब तहसीलदार जगदीश शामिल हैं। यही नहीं इन्हें नियम 7 के तहत चार्जशीट किया गया है।
    कादीपुर के सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार ओम प्रकाश को भी चार्जशीट किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन कर दस्तावेजों का पंजीकरण करने के लिए इन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों बड़ी गड़बड़ी मिलने के बाद सरकार ने रजिस्ट्री बंद कर दी थी और इस मामले की जांच के लिए सभी डीसी को आदेश दिए थे। गुड़गांव के नायब तहसीलदार देशराज कंबोज को 15 जुलाई को रातों रात अम्बाला ट्रांसफर भी कर दिया गया था।
    अब पटवारियों पर भी होगी कार्रवाई
    गुड़गांव मंडल के जिन पटवारियों ने गलत इरादे के साथ खसरा गिरदावरी में कृषि योग्य भूमि को गैर मुमकिन, गैर मुमकिन पहाड़, गैर मुमकिन फार्महाउस आदि यानी कृषि अयोग्य में बदल दिया है। इन सबकी जांच का जिम्मा गुड़गांव मंडल के आयुक्त को सौंपा गया है। इसके बारे में विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि कार्रवाई की जा सके।
    आईटी की मदद से रोका जाएगा भ्रष्टाचार
    1975 के अधिनियम संख्या 8 की धारा 7-ए के दुरुपयोग को रोकने के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और शहरी स्थानीय निकाय विभागों को उनके द्वारा जारी एनओसी के संबंध में आंतरिक जांच करने और रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
    मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पंजीकरण रोकने की इस अवधि का उपयोग नगर एवं ग्राम आयोजना, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी, शहरी संपदा, पुलिस, वन विभागों और मुकदमेबाजी मामलों को वेब-हेलरिस ऐपलिकेशन के साथ इंटरफेस करके एक प्रौद्योगिकी आधारित चेक स्थापित करने के लिए किया जाए, ताकि कानून का उल्लंघन करके इस तरह के पंजीकरण को रोका जा सके।
    15 दिन में मांगी गई रिपोर्ट
    मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शहरी स्थानीय निकाय और नगर एवं ग्राम आयोजना विभागों को 15 दिनों में अपनी जांच करने और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है, ताकि कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन में किए गए पंजीकरण के संबंध में इन विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके। रजिस्ट्री घोटाले में हाल ही में आधा दर्जन जिलों में तहसीलदार कार्यालयों पर सीएम फ्लाइंग के सदस्यों ने छापेमारी की थी। तभी बड़ी कार्रवाई के संकेत मिले थे।

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