Skip to main content

Pitru Paksha 2023: गया से कुरुक्षेत्र तक, जानें इन जगहों पर श्राद्ध करना क्यों माना है खास?



कहा गया है कि समुद्र या समुद्र में गिरने वाली नदी के तट पर, गौशाला में, जहां बैल न हों, नदी के संगम पर, उच्च गिरिशिखर पर, लीपी-पुती साफ और सुंदर भूमि पर विधिपूर्वक और निष्काम भाव से किये गए श्राद्ध से सभी मनोरथ पूरे होते हैं । शास्त्रों में कुछ प्रमुख तीर्थ स्थलों का उल्लेख मिलता है, जहां श्राद्धकर्म या पिंडदान करने से व्यक्ति को विशेष सिद्धियां प्राप्त होती हैं। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए इस जगहों का महत्व। आपको बता दें कि इस बार पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हुआ है और 14अक्टूबर तक रहेगा।

बोधगया
बिहार राज्य की फल्गु नदी के किनारे मगध क्षेत्र में स्थित यह सबसे प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक है, जहां अपने पुरखों का पिंडदान करने बहुत से लोग जाते हैं। यही वो स्थान है, जहां बोधि नामक पेड़ के नीचे भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

विष्णु पुराण और वायु पुराण में इसे मोक्ष की भूमि कहा गया है। माना जाता हैं यहां स्वयं विष्णु पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं। यहां किया गया पिंडदान 108 कुल और सात पीढ़ियों तक का उद्धार  कर देता है। कहते हैं स्वयं ब्रह्मा जी ने अपने पूर्वज़ों का पिंडदान गया में फल्गु नदी के तट पर किया था और त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने भी अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान यहीं किया था।

बताया जाता है कि यहां 360 वेदियां थीं, लेकिन अब केवल 48 ही रह गयी हैं, जहां पर पितरों का पिंडदान किया जाता है। यहीं पर एक जगह है- अक्षयवट, जहां पितरों के निमित दान करने की भी परंपरा है। यहां किया गया दान अक्षय होता है, जितना दान किया जाए उतना ही पुण्य आपको वापस जरूर मिलता है।

काशी 
धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी मोक्ष की नगरी के नाम से ही जानी जाती है। पितरों को प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिये काशी में श्राद्ध व पिंडदान किया जाता है। सात्विक, राजस, तामस- ये तीन तरह की प्रेत आत्माएं मानी जाती हैं और इन प्रेत योनियों से मुक्ति के लिये देश भर में सिर्फ काशी के पिशाच मोचन कुण्ड पर ही मिट्टी के तीन कलश की स्थापना की जाती है और कलश पर भगवान शंकर, ब्रह्मा और विष्णु के प्रतीक के रूप में काले, लाल और सफेद रंग के झंडे लगाए जाते हैं । इसके बाद श्राद्ध कार्य किया जाता है। काशी में श्राद्ध करने वाले के घर में हमेशा खुशियों का आगमन बना रहता है।

हरिद्वार
हरिद्वार में नारायणी शिला के पास पूर्वज़ों का पिंडदान किया जाता है। माना जाता है कि यहां पर पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद हमेशा पिंडदान करने वाले पर बना रहता है और उसके जीवन में हमेशा शांति बनी रहती है, साथ ही भाग्य हमेशा उसका साथ देता है।

कुरुक्षेत्र
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पिहोवा तीर्थ पर अकाल मृत्यु वालों का श्राद्ध करना सबसे उत्तम माना जाता है। खासकर कि अमावस्या के दिन। जिनका स्वर्गवास समय से पहले किसी एक्सीडेंट या किसी शस्त्राघात से हो गया हो तो उनका श्राद्ध यहां किया जाता है। यह स्थान सरस्वती नदी के किनारे ही स्थित है। यहां श्राद्ध या पिंडदान करने वाले को श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है और वह संतान बुढ़ापे में उसका सहारा बनती है।

महाभारत के अनुसार धर्मराज युधिष्ठर ने युद्ध में मारे गए अपने परिजनों का श्राद्ध और पिंडदान पिहोवा तीर्थ पर ही किया था। वामन पुराण में इस जगह के बारे में उल्लेख मिलता है कि पुरातन काल में राजा पृथु ने अपने वंशज राजा वेन का श्राद्ध यहीं पर किया था, जिसके बाद ही राजा वेन की तृप्ति हुई। 

Comments

Vyas Media Network

Vyas Media Network

Popular posts from this blog

हरियाणा में 15 हजार पदों पर सरकारी नौकरी निकली:ग्रुप-C के पद भरे जाएंगे, 5 बोनस नंबर के बिना भर्ती होंगे; क्लर्क की सबसे ज्यादा वैकेंसी

  हरियाणा में सरकारी भर्तियों में सामाजिक-आर्थिक आरक्षण के आधार पर दिए जाने वाले 5 नंबर के बोनस के बिना ही भर्तियां शुरू कर दी गई है। हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने ग्रुप-C के15755 पद के लिए दोबारा विज्ञापन निकाला दिया है। आयोग ने इन पदों के लिए आवेदन के लिए 8 जुलाई लास्ट डेट तय की है। इन पदों में ग्रुप-C के लगभग 2 हजार नए पद शामिल किए गए हैं। पद ग्रुप संख्या 1, 2, 56 और 57 में आते हैं। जिन पदों के लिए अब आवेदन मांगे गए हैं, उनके लिए लिखित परीक्षा जुलाई में पूरी करने की तैयारी आयोग कर रहा है। आयोग ग्रुप-C के बचे पदों, नए पदों और ग्रुप-D के बचे पदों और नए आने वाले पदों पर सामाजिक-आर्थिक मानदंड के अंकों के बगैर भर्ती शुरू की है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इन अंकों को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले में कोई त्रुटि नहीं बताई है, इसलिए आयोग को हाईकोर्ट के फैसले अनुसार भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी। पहले भी जारी हुआ था विज्ञापन इन पदों के लिए 2018 और 2019 में भी विज्ञापन जारी हुआ था, जब प्रक्रिया चल रही थी तब सरकार ने सीईटी के जरिए ग्रुप-C-D पदो...

Haryana BJP:भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई,शेरा का निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान; बोले- मनोहर लाल-संजय भाटिया ने संगठन का नाश मारा

  हरियाणा के पानीपत की इसराना विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार व राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार के खिलाफ बगावत शुरू हो गई है। यहां से स्थानीय भाजपा नेता सत्यवान शेरा ने निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। टिकट ना मिलने से नाराज सत्यवान ने अपनी पत्नी के साथ तीन दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद आज सोमवार को उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस कर भाजपा के कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सत्यवान ने कहा, "हम संगठन के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। लेकिन, यहां से पार्टी ने राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पंवार को टिकट देकर बाकी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की है। अब चुनावों में पंवार को वोटों की चोट झेलनी होगी"। बता दें कि कांग्रेस ने यहां से अपने मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। मनोहर और संजय खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते: शेरा सत्यवान शेरा ने कहा, "प्रदेश के संगठन का दो लोगों ने नाश मार दिया है। ये नेता मनोहर लाल और संजय भाटिया हैं। दोनों ही पार्टी में खुद से बड़ा किसी को नहीं समझते। दोनों अपनी मनमर्जी चलाते हैं। अगर प...

हरियाणा में 11 जिलों के DC पर एक्शन की तैयारी:CM सैनी की ट्रांसफर लिस्ट में 2 कमिश्नर भी; पुलिस रेंज के ADGP-IG बदले जाएंगे

  हरियाणा लोकसभा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद सूबे की अफसरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में अफसरों की लिस्ट तैयार हो रही है। लिस्ट तैयार होने के बाद CM नायब सैनी के साथ चर्चा होगी। इसके बाद ट्रांसफर लिस्ट जारी कर दी जाएगी। CMO के सूत्रों का कहना है कि इस ट्रांसफर लिस्ट में 11 जिलों के DC और 2 कमिश्नरों के नाम हैं। इसके अलावा कुछ विभागों के अध्यक्षों के भी ट्रांसफर किए जाने के आसार हैं। इसके अलावा पुलिस रेंज में तैनात ADGP - IG भी बदले जाएंगे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में भी एक-दो नए अफसर तैनात कर सकते हैं। इसलिए बदलाव के मूड में CM हरियाणा में ब्यूरोक्रेसी को लेकर बदलाव की वजह लोकसभा चुनाव बताए जा रहे हैं। सरकार को इनपुट मिला है कि चुनाव में ब्यूरोक्रेसी के कुछ अफसरों ने सरकार के खिलाफ काम किया है। चर्चा है कि अफसरशाही भी लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अपने व्यवहार में बदलाव कर सकती है। ये अफसर दिल्ली जाने के इच्छुक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर फिलहाल केंद्र जाने वाले हैं। तब तक वह इसी पद पर बने रह सकते हैं। हरियाणा कैडर के 2000 बैच ...