हरियाणा के पांच जिले और दो जिलों की तीन तहसीलें एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से बाहर होंगी। प्रदेश सरकार ने एनसीआर का दायरा घटाने के लिए नया प्रस्ताव बनाकर भेजा है। संशोधित प्रस्ताव पर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की मंजूरी मिलते ही हरियाणा में एनसीआर का दायरा 1148 वर्ग किलोमीटर और कम हो जाएगा
मुख्य समन्वयक योजनाकार एनसीआर की ओर से बीती 24 मई को भेजे ताजा प्रस्ताव में करनाल, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, जींद और भिवानी के अलावा रोहतक जिले की महम, पानीपत जिले की मतलौडा व पानीपत तहसील क्षेत्र को एनसीआर से बाहर रखने का निवेदन किया है। जल्दी हरियाणा के प्रस्ताव को केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति मिल सकती है, चूंकि पिछली बैठक में एनसीआर का दायरा दिल्ली के राजघाट से सौ किलोमीटर तक करने पर सहमति बनी थी।
प्रस्ताव अनुसार हरियाणा के एनसीआर में आने वाले नौ जिलों का क्षेत्रफल 12280.68 वर्ग किलोमीटर होगा। फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, नूंह, पलवल, रेवाड़ी और सोनीपत जिले का सौ फीसदी क्षेत्र एनसीआर में रहेगा। पानीपत का 52.92 और रोहतक का 68.46 प्रतिशत हिस्सा ही आने वाले दिनों में एनसीआर में होगा।
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