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हरियाणा: फरीदाबाद, पलवल, सिरसा और दादरी डिपो के रोडवेज जीएम चार्जशीट, मुख्य सचिव से कार्रवाई की सिफारिश की गई

 

     फोटो सोशल मीडिया

परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने कहा कि कुछ जिलों के नकारा जीएम लड़ाई लड़ने लायक नहीं हैं। चालक-परिचालकों से तालमेल बनाकर बसें चलवानी चाहिए थीं। न के बराबर बसें चलने के लिए जीएम पूरी तरह दोषी हैं।


हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद, पलवल, सिरसा और दादरी डिपो के रोडवेज जीएम को चार्जशीट किया है। इन पर 28-29 मार्च की दो दिवसीय हड़ताल के दौरान बसें चलवाने के लिए कोई ठोस प्रयास न करने के आरोप हैं। हिसार डिपो के जीएम एचसीएस अधिकारी हैं, इसलिए उन्हें चार्जशीट करने के लिए परिवहन विभाग ने मुख्य सचिव संजीव कौशल से सिफारिश की है। इनके जल्द ही तबादले होने की भी संभावना है।

परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा पांचों डिपो के जीएम की कार्यप्रणाली से खासा खफा हैं। चूंकि, उनके गृह जिले फरीदाबाद में 28 मार्च को 7 और 29 मार्च को 5 बसें ही चलीं। चरखी दादरी में 28 मार्च को 16 व 29 मार्च को मात्र 8 बसों का संचालन हुआ। पलवल में 28 मार्च को 8 व 29 मार्च को 11 बसें ही सड़कों पर उतरीं। 

सिरसा में 28 मार्च को 18 व 29 मार्च को 26 बसों का ही संचालन हो पाया। हिसार में 28 मार्च को 43 व 29 मार्च को 27 बसें ही चल पाईं।
परिवहन मंत्री ने बताया कि लचर कार्यप्रणाली को देखते हुए फरीदाबाद के जीएम राजीव नागपाल, सिरसा के आरएस पुनिया, पलवल के सुरिंदर सिंह और चरखी दादरी के जीएम देवदत्त को चार्टशीट कर दिया है। 

इन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब देने होंगे। जवाब संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इनके विरुद्ध अंडर रूल-7 कार्रवाई करेगी। जिसमें भविष्य में पदोन्नति व इंक्रीमेंट रोका जा सकता है। सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने और कर्मचारियों से मिलीभगत उजागर होने पर निलंबन और बर्खास्तगी का भी प्रावधान है। 

एचसीएस अधिकारी को विभाग सीधे चार्जशीट नहीं कर सकता, इसलिए मुख्य सचिव से सिफारिश की है। जिन कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान गलत आचरण किया, एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार करवाया जाएगा। विभाग स्तर पर निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

नकारा जीएम लड़ाई लड़ने लायक नहीं: मूल चंद
परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने कहा कि कुछ जिलों के नकारा जीएम लड़ाई लड़ने लायक नहीं हैं। चालक-परिचालकों से तालमेल बनाकर बसें चलवानी चाहिए थीं। न के बराबर बसें चलने के लिए जीएम पूरी तरह दोषी हैं। कर्मचारी हड़ताल करें, कोई आपत्ति नहीं लेकिन हुड़दंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

कर्मचारी अपनी मांगों को शिष्टाचारपूर्वक मुख्यमंत्री और उनके समक्ष रख सकते हैं। हड़ताल के दौरान बसें न चलने देने से जनता को बड़ी परेशानी हुई है। लोगों को निजी वाहन लेकर दूसरे राज्यों में जाना पड़ा। यह असहनीय है।

झज्जर, रेवाड़ी, नारनौल व करनाल के जीएम को प्रशस्ति पत्र
हरियाणा सरकार ने झज्जर, रेवाड़ी, नारनौल व करनाल के जीएम को प्रशस्ति पत्र दिया है। इन्होंने दो दिवसीय हड़ताल के दौरान लगभग सौ फीसदी या मांग पर इससे अधिक बसें भी विभिन्न रूट पर चलवाईं। इसके अलावा सिरसा, पलवल, रोहतक, कुरुक्षेत्र व झज्जर में हाथापाई, बदसलूकी व कानून हाथ में लेने से जुड़ी सात एफआईआर भी कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुई हैं। 

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने परिवहन मंत्री को इस बारे में अवगत करवा दिया है। सिरसा में सबसे अधिक तीन व बाकी चार जिलों में एक-एक एफआईआर दर्ज हुई हैं। हड़ताल के दोनों दिन 2-2 घंटे के अंतराल पर सभी जिलों से बस संचालन की रिपोर्ट ली गई। 28 मार्च को 40-50 फीसदी व 29 मार्च को 30-40 प्रतिशत बसों का संचालन प्रभावित हुआ। सभी डिपो के जीएम के साथ उन्होंने 27 मार्च को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बस सेवा सुचारु रखने के निर्देश दिए थे लेकिन पांच जीएम ने बस चलवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया



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